मुंबई में ‘नशीली’ कफ सिरप की 4970 बोतलें जब्त, 5 लोग गिरफ्तार
कोंकण कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विभाग के साथ ग्रेट मिशन ग्रुप कंसल्टेंसी के प्रयासों से सफेद प्याज को 2019 में जीआई टैग के लिए पंजीकृत किया गया था। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इस प्याज को जीआई टैग मिल ही गया है।सफेद प्याज की खेती कहाँ होती है?
अलीबाग तालुका में कई जगहों पर सफेद प्याज की खेती होती है। तालुका में नेउली, खंडाले, कार्ले, वाडगाव आदि इलाकों के गाँवों में किसान सफेद प्याज उगाते है। यह प्याज गर्मी के मौसम में दो से तीन महीने ही बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है। आमतौर पर बाजारों में सफेद प्याज की आवक फरवरी महीने से शुरू हो जाती है।
क्यों खास है अलीबाग का सफेद प्याज?
अलीबाग के सफेद प्याज की खासियत इसे सबसे अलग बनाती है। इसका स्वाद अन्य प्याज की तुलना में अधिक मीठा होता है और यह ज्यादा टिकाऊ होती है। इसे आसानी से पेस्ट और पकाया जा सकता है। इसे अलीबाग क्षेत्र का पारंपरिक बीज माना जाता है। यह प्याज धान की कटाई के बाद दो महीने की अवधि के भीतर नमी के मुताबिक लगाया जाता है।
सफेद प्याज के फायदे क्या हैं?
सफेद प्याज एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर से बचाते हैं। वहीं, प्याज की पत्तियों में सल्फर और फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट होता हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करता हैं। जबकि सफेद प्याज का रस और शहद मिलाकर पीने से यह कफ सिरप की तरह काम करता है। इससे सांस संबंधी रोग दूर होते हैं।