Lok Sabha Election 2024: चुनाव प्रचार तो दूर, महाराष्ट्र में सीटों का बंटवारा भी नहीं कर पा रहा पक्ष-विपक्ष, कहां फंसा पेंच?
संजय निरुपम ने मुंबई में कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा बराबर न होने पर नाराजगी जताई है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, मैं अभी यह भविष्यवाणी कर रहा हूं… मुंबई में किसी भी सीट पर उद्धव की शिवसेना नहीं जीतेगी। यह मेरा चैलेंज है। 2022 से पहले वाली शिवसेना अब नहीं रह गई है… फूट पड़ने से दमखम घटा है। लेकिन इस बारे में बिना सोचे-समझे ठाकरे गुट ने मुंबई की पांच लोकसभा सीटें मांग लीं। लेकिन उन सभी सीटों पर उनकी हार होगी।‘संजय राउत की मूर्खता का विरोध नहीं करते’
संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत पर भी निशाना साधा है। निरुपम ने कहा, संजय राउत ने पहले अपनी शिवसेना पार्टी को खत्म किया, फिर एनसीपी को खत्म किया और अब वह कांग्रेस पार्टी को खत्म करने में लगे हैं। एक भी कांग्रेसी नेता संजय राउत की मूर्खता का विरोध नहीं करता।
सीट शेयरिंग पर उठाये सवाल
वर्तमान समय में प्रत्येक पार्टी के वोट बैंक को देखते हुए कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। क्योंकि शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंट गई हैं। लेकिन सीट शेयरिंग के दौरान किसी ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया।
‘बीजेपी से डरी उद्धव सेना’
हालांकि, अब 20 दौर की चर्चा के बाद कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली है। बाकि सीटें उद्धव की शिवसेना ले गई। कांग्रेस को सिर्फ उत्तर मध्य मुंबई सीट मिली है। जहां उद्धव ठाकरे का आवास ‘मातोश्री’ है। फिर भी यह सीट ठाकरे गुट को नहीं चाहिए। संजय निरुपम ने सवाल उठाया कि उद्धव गुट ने कांग्रेस को यह सीट इसलिए दी है, क्योंकि उन्हें यहां सीधे तौर पर बीजेपी से मुकाबला करने से डर लगता हैं क्या?
संजय निरुपम क्यों खफा!
बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) ने मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाया है। अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर इस सीट पर मौजूदा सांसद हैं। गजानन कीर्तिकर अब एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना में हैं। जिस वजह से कांग्रेस नेता संजय निरुपम नाराज हैं। उन्होंने अमोल कीर्तिकर पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाकर उनकी उम्मीदवारी पर आपत्ति जताई है।