यह घटना उस समय हुई जब एक परिवार के सात सदस्य शुभम गायकवाड़ (22), उसकी मां, दो बहनें और उनके तीन बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे। युवक किचन के पास स्थित हॉल में सो रहा था, जबकि अन्य हॉल से सटे बेडरूम में सो रहे थे।
शुभम ने शुक्रवार को बताया कि तेंदुआ बिल्ली का पीछा करते हुए उनके घर की छत पर चढ़ गया था। हालांकि, पतरे की छत उनका वजन नहीं संभाल सकी और टूट गई। जिससे तेंदुआ किचन के अंदर गिर गया। तेंदुएं के गिरने से तेज आवाज हुई, जिससे परिवार के सभी लोग जाग गए।
हॉल में सो रहे शुभम ने जैसे ही तेंदुए को हॉल की ओर आते देखा सन्न हो गया। उसने तुरंत अपने आप को चादर से ढक लिया और फर्श पर लेट गया। शुभम ने बताया कि तेंदुआ उकसे बेहद करीब आ गया था और तेंदुए की पूंछ उसके सिर के पास और मुँह उसके पैर की ओर था। इस दौरान किसी तरह से शुभम ने परिवार के बाकि लोगों को चुपके से घर से बाहर सुरक्षित जगह जाने के लिए कहा। बेडरूम की खिड़की में ग्रिल नहीं लगी थी, इसलिए सभी वहां से पड़ोसी के घर चले गए।
10-15 मिनट के बाद जब शुभम ने चादर से बाहर झांककर देखा तो तेंदुआ एक दीवार के पास मेज पर बैठा था। जो की मुश्किल से उससे पाँच फीट की दूरी पर था। कुछ देर बाद तेंदुआ फिर किचन की तरफ बढ़ा और टूटी छत से होते हुए घर से भाग गया।
यह देख युवक भी बेडशीट ओढ़कर हॉल से सटे बेड रूम की खिड़की से सुरक्षित निकल गया। वह सीधे पड़ोसी के घर गया, जहां उसके परिवार के अन्य सदस्य पहले ही पहुंच चुके थे। फिर पूरे परिवार के जान में जान आई।
बाद में इस घटना के बारे में वन विभाग को सूचना दी गयी। सुबह करीब चार बजे वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नासिक के रेंज वन अधिकारी ने कहा कि वह तेंदुए का पता लगाने की कोशिश कर रहे है। लेकिन अभी तक रिहायशी इलाके में घुसे तेंदुए का कुछ पता नहीं चला है।