अभी तक सिर्फ 14,155 घर
विदित हो कि 2010 में तीन हजार 157 लॉटरी निकली थीं, जबकि 2011 में 3,789 घरों की लॉटरी निकली। वहीं 2012 केवल 841 घरों की तो 2014 में म्हाडा की ओर से एकदम खराब स्थिति में 793 घरों की लॉटरी निकली थी। जबकि 2013 में 1 हजार 201 और 2015 में 1 हजार 14, तो वहीं 2016 में सिर्फ 957, 2017 में 803 के अलावा 2019 में म्हाडा की ओर से आम लोगों के घरों के लिए सिर्फ 217 घरों को लॉटरी निकाली गई। म्हाडा ने पिछले दस वर्षों में मुंबईकरों को सिर्फ 14,155 घर उपलब्ध कराए हैं।
गृह निर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने कुर्सी संभालते ही मुंबई में आम नागरिकों के लिए घर संभव नहीं होने का ढिंढोरा पीट चुके हैं। मुंबई में महंगे मकानों के चलते आम नागरिक म्हाडा के घरों की आस लगाए वर्ष भर बैठा रहता है, जबकि कम स्टाफ का रोना रो रहे म्हाडा की ओर से मुंबईकरों के लिए एक भी घर को शामिल नहीं किया गया है। इससे आम मुंबई करो को निराशा हाथ लगी है। इस बार पुणे में 2,000 घर, नासिक में 92, औरंगाबाद में 148 अमरावती में 1,200, जबकि नागपुर में 891 घरों की लॉटरी निकलने वाली थी। साथ ही वहीं पत्रकार परिषद में उदय सामंत ने बताया कि म्हाडा कालोनियों के पुनर्विकास के लिए 33 (5) के अंतर्गत महत्वपूर्ण निर्णय पर काम जारी है।
अभी तक मुंबई समेत बाहरी इलाकों के घरों की स्क्रूटनी का काम चल रहा है, जिसके अगस्त के आखिरी तक पूरे होने की उम्मीद है। इसके बाद पूरी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपी जाएगी, जिसके बाद ही लॉटरी निकालने की प्रक्रिया पर आलाधिकारियों की ओर से अमल किया जाएगा। फिलहाल अभी से लॉटरी की कोई भी तारीख घोषित कर पाना काफी मुश्किल है।
– किरण कासने, डिप्टी चीफ ऑफिसर, मिल मजदूर