Guillain Barre Syndrome का प्रकोप: महाराष्ट्र में 101 मरीज मिले, 1 की मौत, 16 वेंटिलेटर पर, 19 छोटे बच्चे संक्रमित
Guillain Barre Syndrome Outbreak in Pune : महाराष्ट्र के कई जिलों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मरीज मिले है और कुल संक्रमितों की संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है।
महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जीबीएस के मरीजों की संख्या सौ के पार पहुंच गई है। पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मरीज मिले है और पीड़ितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इनमें से 16 संक्रमितों की हालत चिंताजनक है। इस बीच, सोलापुर जिले में जीबीएस से एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। वह हाल ही में पुणे से लौटा था।
महाराष्ट्र में इस जानलेवा बीमारी के कुल 101 मरीज सामने आ चुके है, जिनमें 68 पुरुष और 33 महिलाएं हैं। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 16 मरीजों की हालत गंभीर है और वे वेंटिलेटर पर हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि पुणे में एक ही दिन में 28 नए मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिस इलाके में मरीज मिला है, उस इलाके के 25 हजार 578 घरों का सर्वे किया है।
बच्चों से लेकर बूढ़े तक हो रहे संक्रमित
महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के अब तक 101 मरीज मिल चुके हैं। 81 मरीज पुणे नगर निगम से, 14 पिंपरी-चिंचवड नगर निगम से और 6 अन्य जिलों से हैं। 9 साल तक के 19 बच्चे भी जीबीएस की चापेत्में आये है।
केंद्र ने बनाई विशेषज्ञों की टीम
रोग प्रतिरोधी क्षमता संबंधी इस विकार से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसे देखकर केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। हालत से निपटने के लिए 7 सदस्यीय केंद्रीय उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ टीम नियुक्त की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम और पुणे नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने पुणे में जीबीएस प्रकोप के बीच नांदेड़ गांव का दौरा किया। राज्य सरकार गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से प्रभावित मरीजों का मुफ्त इलाज कर रही है। जो गरीब इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते, उन्हें सरकारी योजना के तहत मुफ्त इलाज दिया जा रहा है।
40 वर्षीय व्यक्ति की जीबीएस की चपेट में आने से शनिवार को मौत हो गई है। मृतक पेशे से सीए था, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से राज्य में यह पहली मौत बताई जा रही है। पुणे के धायरी इलाके में रहने वाले पीड़ित में जीबीएस के लक्षण थे. इसके बाद वह सोलापुर स्थित अपने गांव चले गया और बाद में तबियत बिगड़ने पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाशराव अबिटकर (Prakashrao Abitkar) ने कहा, ”… हम जल्द ही जीबीएस रोगियों के बारे में डॉक्टरों की हमारी विशेषज्ञ टीम की राय लेंगे। पुणे नगर निगम और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग अच्छी तरह से काम कर रहे हैं ताकि मरीजों की संख्या न बढ़े। वर्तमान में 101 संदिग्ध मरीज़ हैं, जिनमें से 73 मरीजो में जीबीएस पाया गया है और 1 की मौत हो चुकी है…”
यहां मुफ्त में होगा इलाज
पुणे जिले में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “इस विशेष बीमारी का इलाज महंगा है, इसलिए मैंने जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की और नागरिकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का फैसला किया। पिंपरी चिंचवड जिले के प्रभावित लोगों का इलाज यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल (YCM Hospital) में किया जाएगा… जबकि पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीजों का इलाज पुणे शहर के कमला नेहरू अस्पताल में किया जाएगा, वहीँ, पुणे ग्रामीण क्षेत्रों के पीड़ित मरीजों का इलाज सरकारी ससून अस्पताल में मुफ्त में किया जा सकता है।”
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