विदित हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा दिया जाना अनिवार्य है। हर साल शिक्षा विभाग विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को वापस लाने का प्रयास करता है। शिक्षक 3 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के स्कूली छात्रों के बारे में जानने के लिए स्कूली कार्य करते हैं। हालांकि इस शोध को करते समय उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिना किसी परेशानी के बच्चे के स्कूल जाने के लिए पोषण का माहौल बनाने जैसी कई समस्याओं का सामना करते हुए शिक्षक हर महीने बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों को स्कूल वापस लाने का प्रयास करते हैं।
उल्लेखनीय है कि चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान मुंबई नगर निगम के शिक्षकों ने जुलाई और अगस्त में स्कूल के 147 बच्चों को वापस लाने में कामयाबी हासिल की है। जुलाई में 100 तो और अगस्त में 47 बच्चों को स्कूल की मुख्यधारा में लाया गया था। स्कूलों की ओर से आयोजित अभियान में चेंबूर, मानखुर्द और गोवंडी के छात्रों की संख्या अधिक है। वहीं शिक्षकों की ओर से सड़क, सिग्नल, समुद्र तट, रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर बाहरी स्कूलों के बच्चों की तलाश की जाती है। यदि स्कूल से बाहर के बच्चे हैं तो इन बच्चों को स्कूल में भर्ती कराया जाएगा।
जो स्कूली छात्र मुख्यधारा से वंचित हैं, उनके लिए बच्चों के शिक्षकों को हाल ही में नगरपालिका की ओर से बच्चों को लाने के लिए 60 बाल संरक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। दो दिवसीय प्रशिक्षण रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में हुआ। प्रशिक्षण के बाद जो शिक्षक बाल रक्षक बने, उन्हें स्कूल के बच्चों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।