क्या है मामला
सुब्रमण्यम के खिलाफ यह कार्रवाई को-लोकेशन से जुड़े फर्जीवाड़े में की गई है। इसके तहत चुनिंदा ब्रोकर्स को बाकी मेंबर्स के मुकाबले पहले डाटा मिल जाता था। इससे करोड़ों का खेल हुआ। इसके बारे में एक्सचेंज और बाजार नियामक सेबी को शिकायतें मिलीं। जांच में पता चला कि एक्सचेंज के पूर्व एमडी रवि नारायण के समय शुरू हुआ को-लोकेशन एक्सेस का खेल चित्रा के सीईओ बनने के बाद भी जारी रहा। इस मामले में चित्रा और रवि नारायण से पूछताछ हुई है। तीनों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया है ताकि विदेश पलायन न कर सकें।
पत्नी को मिली नौकरी
सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक सुब्रमण्यम की पत्नी सुनीता की नियुक्ति एनएसई की चेन्नई ऑफिस में कंसल्टेंट के रूप में की गई थी। अप्रेल, 2013 से मार्च, 2014 तक सुनीता इस पद पर रहीं। कंसल्टेंसी के एवज में सुनीता को 60 लाख रुपए सैलरी मिली। खास यह कि आनंद और सुनीता की नियुक्ति एक ही दिन हुई थी।
योगी की गुत्थी अनसुलझी
एनएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक चावला ने बाजार नियामक सेबी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने संदेह जताया था कि योगी कोई और नहीं बल्कि सुब्रमण्यम हो सकते हैं। पूछताछ में चित्रा ने माना कि वे हिमालय में रहने वाले एक योगी से अहम मामलों में सलाह लेती थीं। सीबीआइ इस बारे में भी सुब्रमण्यम से पूछताछ कर रही है। लेकिन, योगी की गुत्थी नहीं सुलझी है।