ओशिवरा परिसर में सर्वे नंबर 33/8 में मुंबई म्हाडा बोर्ड के 9,500 वर्ग मीटर भूखंड पर झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना के तहत यह घोटाला किया गया है। म्हाडा अफसरों की मिलीभगत से यहां पर मर्करी टॉवर नामक आलीशान बिल्डिंग बनाई गई। इस बिल्डिंग में कुल 208 फ्लैट हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 2.5 से पांच करोड़ रुपए के बीच है। घोटाला सामने आने के बाद फ्लैटों की बिक्री पर विराम लग गया है। इससे पहले अधिकांश फ्लैट बेचे जा चुके हैं।
इस मामले में बांबे हाईकोर्ट को बिल्डर के साथ ही पुलिस ने गुमराह किया है। हालांकि इस मामले की जानकारी केंद्र सरकार के अलावा राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी है। शिकायतकर्ता अभिजीत शेट्टी के मुताबिक म्हाडा की विजिलेंस टीम की ओर से भी एक विशेष रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। म्हाडा के मुंबई बोर्ड अध्यक्ष मधु चव्हाण ने इस मामले में लिखित आदेश जारी करते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई का आदेश दिया है।
म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने कहा कि हमने मामले को गंभीरता से लिया है। संबंधित विभाग को जांच का आदेश दिया गया है। मामले में जिस किसी को भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।