बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर ईवीएम को ‘ब्लैक बॉक्स’ करार दिया है। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है जिसे देखने की इजाजत किसी को नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए।
आप जीते तो EVM सही, हम जीते तो खराब- शिंदे
राहुल गांधी के बयान पर महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “जहां महाविकास अघाडी की जीत हो गई, वहां ईवीएम ठीक हो गई और जहां उनकी हार हो गई वहां ईवीएम पर सवाल खड़े करना कौन सी हरकत है… राहुल गांधी खुद दो जगह चुनाव जीते हैं.. वहां भी ईवीएम से मतदान हुआ था। अगर वे ईवीएम पर सवाल कर रहे हैं तो वे जहां से जीते हैं वो सीटें उन्हें छोड़नी चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि हर जगह ईवीएम मशीन खराब थी और उन्हें इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ना चाहिए…”
क्या है मामला?
हाल ही में मिड-डे अखबार ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें दावा किया था कि शिवसेना नेता वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के फोन का इस्तेमाल 4 जून को मुंबई के मतगणना केंद्र पर ईवीएम को अनलॉक करने में हुआ था। फोन पर ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ओटीपी भेजा गया था। बाद में चुनाव आयोग ने इस रिपोर्ट को गलत बताया और कहा कि ईवीएम में कोई वायरलेस संचार क्षमता नहीं होती है, ईवीएम स्वतंत्र रूप से काम करती है। उसे अनलॉक करने के लिए ओटीपी नहीं चाहिए। साथ ही आयोग ने अखबार को नोटिस भेजकर क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। जिसके बाद मिड-डे ने सोमवार को उस खबर के लिए माफी मांगी। मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के रवींद्र वायकर महज 48 वोटों के अंतर से जीते हैं। वायकर ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को हराया।