महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में हैं और उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्हें फरवरी 2022 में ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में गिरफ्तार किया था।
जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। मलिक की याचिका पर कोर्ट अगले सप्ताह तक फैसला सुनाएगी।
63 वर्षीय एनसीपी नेता के वकील अमित देसाई ने आज कोर्ट में दलील दी कि मलिक की सेहत आठ महीने से ठीक नहीं है और वर्तमान में वह पुराने किडनी रोग के दूसरे से तीसरे चरण से पीड़ित हैं। इसलिए सर्जरी करने की जरूरत है। उनके लिए तनावपूर्ण स्थिति से बाहर आना आवश्यक है।
जबकि ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने दलील दी कि मलिक की हालत उतनी गंभीर नहीं है, जितना दिखाया जा रहा है। उन्हें सिर्फ बायीं किडनी में समस्या है। दाहिनी किडनी ठीक से काम कर रही है। कई बार लोग एक किडनी दान कर देते हैं और एक से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। वह भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते है। और आज कल तनाव में कौन नहीं जी रहा है। इस दौरान उन्होंने जेजे अस्पताल की कमेटी की उस रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि मलिक को अस्पताल में नहीं करने की जरुरत नहीं है।