मराठा आरक्षण: मनोज जरांगे का दावा- महाराष्ट्र सरकार को 2 जनवरी नहीं बल्कि 24 दिसंबर की दी है डेडलाइन
क्या है मामला?जालना के अंबड तालुका के अंतरवली सराटी गांव में मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटील (Manoj Jarange) को पुलिस अस्पताल ले जाना चाहती थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। मराठा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के बल प्रयोग का पूरे राज्य में विरोध हुआ। इस घटना के बाद राज्यभर में मराठा समुदाय आक्रामक हो गए थे। राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं।
एसपी पर गिरी गाज
इस मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया था और जालना जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोशी को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया था। दोशी की जगह आईपीएस अधिकारी शैलेश बलकवडे को जालना का नया एसपी बनाया गया। दरअसल इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठे थे।
निशाने पर फडणवीस
हालाँकि एक्शन के बावजूद मराठा समुदाय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस से नाराज हो गया। तब से मराठा समुदाय के निशाने पर मुख्य तौर पर फडणवीस रहे है।