मुंबई. आईआईटी बॉम्बे में तीन दिवसीय साइंस और टेक्नॉलॉजी पर आधारित टेकफेस्ट शुरू हो गया। इसमें लगे प्रदर्शनी को देखने के लिए मुंबई और सटे उपनगर से युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। आईआईटी बॉम्बे के इस फेस्टिवल की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। प्रदर्शनी में मार्स सोसायटी ऑफ इंडिया की मार्स रोवर प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा गया है। देश से लेकर विदेश तक आईआईटी बॉम्बे टेकफेस्ट आकर्षण का केंद्र रहा है। इस समय पवई को नए आविष्कार करने वाले देशी-विदेशी विद्यार्थियों का संगम कहा जा सकता है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, रूस, अमेरिका सहित अन्य देशों से प्रफेसर्स और विद्यार्थी शामिल हुए हैं। फेस्टिवल में स्टॉल लगाने वाले चाल्र्स डार्विन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रफेसर कृष्णन ने कहा कि वे अपने प्रॉजेक्ट के जरिए दुनिया भर के विद्यार्थियों को बताना चाहता हैं कि किसी भी मशीन का इंजन कैसे काम करता है।क्या है मार्स रोवरमार्स सोसाइटी इंडिया का मंगल गृह की जानकारी जुटाने को लेकर मार्स रोवर एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस मार्स रोवर को प्रदर्शनी में लगाया गया है। इसे विद्यार्थियों द्वारा मंगल ग्रह पर उतर कर वहां की भौगोलिक और वातारवण के बारे में जानकारी जुटाने को लेकर बनाया जा रहा हैं, जिससे इसे एक दिन भारतीय मंगल मिशन बनाया जा सके। अपने इसी लक्ष्य को लेकर सोसाइटी और आईआईटी बॉम्बे के छात्र काम रहे हैं। उनका कहना था कि जब तक हमे अपने प्रॉजेक्ट पर कामयाबी नहीं मिल जाती है और हमारा प्रयास सफल नहीं होता है, तब तक हम प्रयास करते रहेंगे। प्रदर्शनी देखने आए छात्रों ने कहा कि मार्स रोवर को देखेकर लगता है, जैसे वह किसी रेगिस्तान पर चलने वाली गाड़ी है। ऑटो वालों की मनमानीआईआईटी बॉम्बे में टेकफेस्ट के दौरान लगे प्रदर्शनी को देखने मुंबई और सटे उपनगर से लोग देखने आ रहे हैं। इसके चलते ऑटो वालों की चांदी हो गई है। कांजुरमार्ग स्टेशन से पवई स्थित आईआईटी बॉम्बे जाने के लिए जहां मीटर से 20 से 25 रुपये लगते हैं, वहीं टेकफेस्ट के दौरान तीन दिनों के लिए अधिकतर ऑटो वाले मीटर पर जाना बंद कर दिए हैं। वे हर व्यिक्त से 20 रुपये प्रति सीट ले रहे हैं। जो विद्यार्थी अपने दोस्तों के साथ प्रदर्शनी को देखने आ रहे हैं, उन्हें ऑटो वालों की मनमानी के चलते अधिक पैसे देना पड़ रहा है।दिमाग की जासूसी करने वाली मशीनआईआईटी बॉम्बे टेकफेस्ट की प्रदर्शनी में एक ऐसी मशीन भी है, जो कर्मचारियों की कामचोरी को आसानी से पकड़ लेती है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ वर्षों में कामचोरी करने वालों के दिन लद जाएंगे। यह मशीन दिमाग की जासूसी करके बताएगी, आपका मन काम में लगता है या नहीं, या फिर आप अपने काम को लेकर संजीदा है या नहीं। दिमाग की जासूसी करने वाली यह मशीन अमेरिका ने बनाई है, जिसकी भारत में एक कंपनी को फ्रेंचाइजी मिली हुई है। इस कंपनी के अधिकारी हर्षल शाह ने बताया कि यह मशीन देखने में बहुत छोटी है, लेकिन इसके जरिए आदमी के दिमाग को भांपा जा सकता है। भारत में दो हजार से अधिक मशीन की बिक्री हो भी चुकी है। मशीन की लागत भी अधिक नहीं है। इसे कंपनी बाजार में 17,500 रुपये में बेच रही है। इसलिए इसे खरीदने के लिए कई कंपनियां आगे आ रही है।जवान बताते हैं बोफोर्स की बारीकीयहां बोफोर्स तोप समेत कई आयुधों का प्रदर्शन किया गया है, जिसकी खरीदारी को लेकर राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप होते रहे हैं, जबकि इसी तोप ने कारगिल में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए थे। प्रदर्शनी को देखने आए एक विद्यार्थी ने कहा कि टेकफेस्ट की वजह से कारगिल युद्ध में पाकिस्तान का दांत खट्टे करने वाला बोफोर्स तोप देखने को मिली है। दुश्मनों से हमारी रक्षा करने वाले सैनिकों और हथियारों को जानने को मिला है। सीमा की सुरक्षा के लिए जो गन और रॉकेट लांचर दिए जाते हैं, उसे भी प्रदर्शित किया गया है। इसकी विशेषता के बारे में जो लोग जानना चाहते हैं, उसके लिए पास में खड़े जवान बहुत बारीकी से बताते हैं।