सुजय के भाजपा में आने की कयासबाजी काफी समय से चल रही था। हालांकि राधाकृष्ण ने पूरी कोशिश की कि सुजय को अहमदनगर से लोकसभा का टिकट मिल जाए। पाटील ने राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से अनुरोध किया था कि अहमदनगर सीट उनके लिए छोड़ दें। लेकिन राकांपा ने इंकार कर दिया। इसके बाद सुजय के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस और राकांपा में मसझौता हो चुका है। राकांपा 22 पर और कांग्रेस 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जहां तक अहमदनगर लोकसभा सीट का सवाल है तो 2014 में यहां से भाजपा की दिलीप गांधी जीते थे। गांधी वापस चुनाव लडऩा चाहते हैं, लेकिन सुजय के आने के बाद तय माना जा रहा है कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। क्योंकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने अहमदनगर से सुजय के चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है।
सुजय का अपना निर्णय : पाटील सुजय के भाजपा में प्रवेश से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। महागठबंधन के जरिए सत्ता हासिल करने की जुगत में लगी कांग्रेस की छवि को भी धक्का लगा है। वैसे राधाकृष्ण विखे पाटील ने इसे सुजय का अपना निर्णय बताया है। पाटील ने कहा कि सुजय भाजपा में अपनी मर्जी से गए हैं। इसमें मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैं कांग्रेस के साथ हूं। पार्टी जो भी निर्णय लेगी, मुझे स्वीकार है।
राकांपा में हमारी कदर नहीं भाजपा में शामिल होने के बाद सुजय ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा में हमारी कदर नहीं है। पार्टी ने हमारी मांग पर विचार भी नहीं किया। बेहतर भविष्य के लिए हमने भाजपा के साथ चलने का निर्णय लिया है। सुजय के समर्थकों ने यहां भाजपा के समर्थन में नारेबाजी की।
राधाकृष्ण को शिवसेना का न्योता शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस की खिंचाई करते हुए राधाकृष्ण विखे पाटील को शिवसेना में आने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही कांग्रेस के लोग फूटने लगे हैं। सुजय ने जब भाजपा में प्रवेश किया है तो राधाकृष्ण शिवसेना में आ जाएं तो बेहतर होगा।