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Indian Railway: कबाड़ हो चुके इंजन और कोच बेचकर मालामाल हुआ मध्य रेलवे, 355 करोड़ कमाने का लक्ष्य

Indian Railway Scrap Income: इस पहल से न सिर्फ रेलवे को अतिरिक्त आय हो रही है, बल्कि रेलवे परिसर भी साफ-सुथरा हो रहा है।

मुंबईSep 20, 2023 / 08:47 pm

Dinesh Dubey

सेंट्रल रेलवे ने कबाड़ बेचकर कमाए 160 करोड़ रुपये

Railways News: मध्य रेलवे (Central Railway) ने कबाड़ का बेहतर लगभग 160 करोड़ रुपये की कमाई की है। रेलवे ने जीरो स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ (स्क्रैप) बेचने की नीति अपनाई है। इसके तहत देशभर में रेलवे के विभिन्न विभागों द्वारा स्क्रैप का निपटान किया जा रहा है। इस बिक्री से रेलवे को अच्छी आय हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, कबाड़ बिक्री से रेलवे को हर महीने करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है। सेंट्रल रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान 160 करोड़ रुपये की कमाई स्क्रैप बेचकर की है। रेलवे का लक्ष्य दिसंबर तक 355 करोड़ रुपये कमाने का है।
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मध्य रेलवे ने बताया कि अप्रैल से अगस्त तक पांच महीने की अवधि के दौरान उसने कबाड़ हो चुके इंजन-डिब्बे आदि को बेचकर 160.64 करोड़ रुपये की कमाई की है। हालाँकि इस अवधि में रेलवे को स्क्रैप से 130.17 करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद थी। लेकिन रेलवे को 23.40 फीसदी अधिक यानि 30 करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है।

स्क्रैप में क्या-क्या बेचा?

मध्य रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल से अगस्त के बीच मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के 168 यात्री कोच, मालगाड़ी के 83 डिब्बे, 8 EMU कोच, 8 डीजल इंजन, 4 इलेक्ट्रिक इंजन आदि बेचे गए। जिससे कुल 160.64 64 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।

355 करोड़ कमाने का लक्ष्य

सेंट्रल रेलवे ने इस साल स्क्रैप की बिक्री से 355 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा है। मध्य रेलवे जीरो स्क्रैप पॉलिसी के तहत राज्य के प्रमुख स्टेशनों पर पड़े अपने कबाड़ को बेच रहा है। इससे न सिर्फ रेलवे को अतिरिक्त आय हो रही है, बल्कि रेलवे परिसर भी साफ-सुथरा हो रहा है। सेंट्रल रेलवे की इस पहल की तरह देश के अन्य विभाग भी जीरो स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ बेच रहे हैं।

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