कोरोना कल में लगे लॉकडाउन के दौरान रेलवे स्टेशनों के बाहर पड़ी उनकी कई साइकिलें भी गायब हो गई थीं लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई। पत्र में कहा कि कोरोना महामारी में हम लोगों को काफी नुकसान हुआ है और इस तरह के और नुकसान को नहीं सह सकते है।
बता दें कि डब्बावालों एसोसिएशन ने वेस्टर्न रेलवे के तीन स्टेशनों विले पार्ले, नालासोपारा और बोरीवली का जिक्र किया है जहां से उनकी साइकिलें चोरी हो गई हैं। पत्र में कहा गया है कि साइकिलें ही उनके आने-जाने का एकमात्र जरिया हैं। और आजकल वे भी काफी महंगी हो गई हैं। इनकी कीमत 10 हजार रुपये और उससे अधिक है। मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने बताया कि बाहरी रेलवे स्टेशनों से साइकिल चोरी के मामले में बढ़ोतरी हुई हैं और हमने इस मामले को गृह मंत्री के संज्ञान में लाने का प्रयास किया है।
मुंबई के ऑफिसों में लगभग पांच हजार डब्बावाले करीब दो लाख लंच बॉक्स हर दिन पहुंचाते हैं। मुंबई में डब्बावाले बहुत मशहूर है। मुंबई डब्बावाला असोसिएशन एक ‘रोटी बैंक’ भी चलाता है। इसके द्वारा सरकार की तरफ से संचालित केईएम हॉस्पिटल, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और वाडिया हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए आए मरीजों के परिजनों को मुफ्त भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
1890 में शुरू हुई थी ये सर्विस: बता दें कि सन 1890 में शुरू होने के बाद से टिफिन सेवा पर पूरा मुंबई निर्भर रहता आ रहा है। डब्बावालों की अनोखी कार्यशैली के चलते इन्हें कई सम्मानों से भी नवाजा गया है। इन डब्बावालों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के राजघरानों को भेजे गए डब्बावालों के गिफ्ट्स को आज भी वहां की गैलरी में सम्मान के साथ सजाकर रखा जाता है।