scriptअक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, पूछा- 3 गोलियां चलीं तो कहां थे पुलिसकर्मी…कुछ तो गड़बड़ है | Bombay High Court expresses doubt over Akshay Shinde encounter by police | Patrika News
मुंबई

अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, पूछा- 3 गोलियां चलीं तो कहां थे पुलिसकर्मी…कुछ तो गड़बड़ है

Akshay Shinde Encounter : बदलापुर रेप कांड के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार को ठाणे के मुंब्रा बाईपास पर पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोली लगने से मौत हो गई।

मुंबईSep 25, 2024 / 03:21 pm

Dinesh Dubey

Akshay Shinde fake encounter allegation

Badlapur Sexual Assault

Bombay High Court on Akshay Shinde Encounter : बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की कथित पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। बुधवार को 24 वर्षीय शिंदे के पिता द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने एनकाउंटर की परिस्थितियों पर संदेह जताया है और एनकाउंटर बाद पुलिस के जांच पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने माना कि पहली नजर में गड़बड़ी लग रही है।
पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अक्षय शिंदे के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में अक्षय के पिता अन्ना शिंदे ने पूरे मामले की जांच एसआईटी (SIT) से कराने की मांग की है। अन्ना शिंदे ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे को फर्जी मुठभेड़ में मारा है। फिलहाल इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है।
अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति, जिसने पहले कोई हथियार नहीं चलाया हो वह तेजी से रिवॉल्वर को अनलॉक नहीं कर सकता है.. यह बहुत आसान नहीं है… हालांकि सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अधिकारी की पिस्तौल लॉक नहीं थी।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा, जब आरोपी ने तीन गोलियां चलायी तो पुलिस वैन में मौजूद पुलिसकर्मी कहां थे… वह आसानी से उस पर काबू पा सकते थे। कोर्ट ने पुलिस अधिकारी द्वारा अक्षय के चेहरे पर गोली मारे जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए है।
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जस्टिस चव्हाण ने कहा, “इस बात पर यकीन करना मुश्किल है। प्रथम दृष्टया मामला कुछ गड़बड़ लग रहा है। एक आम आदमी गन लोड करके रिवॉल्वर इतनी तेजी से नहीं चला सकता… शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति रिवॉल्वर को जल्दी से अनलॉक नहीं कर सकता है…इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता.. ये एनकाउंटर नहीं है।”
जस्टिस रेवती डेरे ने कहा, आमतौर पर आत्मरक्षा के लिए हाथ या पैरों पर गोली चलाते हैं। पुलिस अधिकारी को यह जानकारी होनी चाहिए थी कि कहां गोली चलानी है। उन्होंने घटना के दिन अक्षय शिंदे के बैरक से बाहर आने, पुलिस वैन में बैठने, अदालत जाने और फिर शिवाजी अस्पताल जहां उसे मृत घोषित किया गया, वहां तक के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल्स मांगे है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, हमें पुलिस की गतिविधियों पर दूर-दूर तक संदेह नहीं है। हम केवल सत्य जानना चाहते हैं। मामला अगले गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत के दौरान एनकाउंटर में हुई मौत की जांच सीआईडी ​​करेगी। पुलिस ने बताया कि सोमवार शाम में अक्षय शिंदे को जब पुलिस वैन में तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था तो उसने पुलिस अधिकारी की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की और अक्षय मारा गया। इस घटना में एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी। इस बीच अक्षय के परिवार ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाये है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। 
बता दें कि अक्षय शिंदे (24) पर ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप था। वह स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर 1 अगस्त को बतौर सफाईकर्मी काम पर लगा था। आरोप है कि उसने स्कूल के शौचालय में दो नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण किया। घटना के पांच दिन बाद 17 अगस्त को पीड़ित बच्ची के परिजनों की शिकायत पर उसे गिरफ्तार किया गया।

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