ठाणे. ठाणे शहर स्थित टेंबिनाका परिसर के जैन मंदिर में चातुर्मासिक प्रवचन में आचार्य विजय वल्लभ मुनिश्वर समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर के शिष्य व प्रखर वक्ता आचार्य चिदानन्द सूरीश्वर महाराज ने प्रभु के वचनों के महत्व को बताकर आये हुए भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। प्रभु से ज्यादा प्रभु के वचनों को महत्व देना चाहिए। गुरुदेव ने कहा हम प्रभु की पूजा अर्चना करते है और द्रव्य पूजा करना भी महत्वपूर्ण है।मनुष्य को भाव पूजा भी करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हम प्रभु को मानते हंै पर प्रभु के वचनों को क्यों नहीं मानते और प्रभु अच्छे लगते है तो प्रभु के वचन अच्छे क्यों नहीं लगते। हम संसार में सांसारिक सुखों के भोग के लिए मोह की निद्रा में सोए हुए हंै। हमें अपने आप को मोह निंद्रा से जगाना होगा जैसे कोई व्यक्ति हमे नींद में जगाता है तो अच्छा नहीं लगता है। गुरुदेव ने कहा उसी तरह इस मांगलिक चातुर्मास में हम मोह निंद्रा से जगाने के लिए आए है। हमें यदि अपने आप का कल्याण करना है तो आत्म जागृति लानी पड़ेगी तो ही प्रभु के वचन मोह निंद्रा से जगाएगी।