भगत सिंह कोश्यारी पर दर्ज हो मुकदमा… उद्धव ठाकरे बोले- गवर्नर नहीं कर सकते मनमर्जी
‘नाना पटोले ने नहीं की थी चर्चा’
पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की ठाकरे की मांग व्यर्थ है. क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा लोगों में बहुत फर्क है। दरअसल शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे ने अपने खेमे के विधायकों के साथ बीजेपी से हाथ मिलाया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए।
पवार ने बताया कहां हुई चूक
उन्होंने आगे कहा कि फरवरी 2021 में कांग्रेस नेता पटोले के इस्तीफे के बाद एनसीपी, कांग्रेस और अविभाजित शिवसेना के महागठबंधन एमवीए को नए स्पीकर की नियुक्ति का मुद्दा उठाना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से एमवीए के रूप में हम ऐसा करने में नाकाम रहे। अगर विधानसभा अध्यक्ष होते तो शिंदे गुट के विद्रोह के कारण पैदा हुए अयोग्यता के मुद्दे को सुलझाया जा सकता था। लेकिन लंबे समय से विधानसभा के उपाध्यक्ष ही सदन की कार्यवाही देख रहे थे। एमवीए सरकार में अजित पवार उप-मुख्यमंत्री थे।
‘शिंदे कभी इस्तीफा नहीं देंगे’
शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगने की उद्धव ठाकरे की मांग पर पवार ने कहा, इससे कुछ फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा लोगों के बीच बहुत अंतर है। वे कभी इस्तीफा नहीं देंगे। वे सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे।’’