सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के अजित पवार गुट से सवाल किया कि वह चुनाव प्रचार के लिए शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रहा है। कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा, ”अब आप एक अलग राजनीतिक दल हैं। आपने उनके (शरद पवार) साथ नहीं रहने का निर्णय लिया है। फिर आप उनकी (शरद पवार) तस्वीर का उपयोग क्यों करते हैं… अब अपनी पहचान के साथ चुनाव में जाएं…”
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी तब सामने आई है, जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार लोकसभा चुनाव की तैयारियों में दमखम के साथ डंटे हुए है।
शरद पवार के अगुवाई वाले गुट ने आरोप लगाया है कि अजित खेमा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए शरद पवार के नाम, तस्वीरों का दुरुपयोग कर रहा है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसपर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अजित गुट को शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि वरिष्ठ नेता शरद पवार ने 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बनाई थी। लेकिन जुलाई 2023 में एनसीपी दो गुटों में विभाजित हो गई, जब अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी का एक गुट सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गया। इसके बाद एनसीपी के दोनों धड़ों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा ठोका। कई महीनों तक सुनवाई करने के बाद चुनाव आयोग ने 23 फरवरी को अजित पवार गुट को असली एनसीपी का दर्जा दिया और घड़ी निशान सौंपा। जबकि पार्टी के संस्थापक शरद पवार को नया नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार’ और चुनाव चिह्न ‘तुतारी’ आवंटित किया।