फायर ब्रिगेड के मुताबिक, बुधवार को दोपहर में करीब 3.50 बजे एक मजदूर नियमित जांच के लिए रहेजा टॉवर के तहत बन रहे निर्माणाधीन इमारत के सीवर टैंक में उतरा। काफी समय बाद भी जब वह बाहर नहीं आये तो उसे देखने के लिए एक अन्य व्यक्ति टैंक में घुसा और उसके बाद एक और शख्स टैंक में गया। तीनों जब बाहर नहीं आये तो फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी गई।
मलाड (पूर्व) में रानी सती मार्ग पर पिंपरीपाड़ा में रहेजा टॉवर प्रोजेक्ट (Raheja Tower) का काम जारी है। पुलिस ने कहा कि फिलहाल आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की गई है। आगे की जांच में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो आईपीसी की धारा 304ए के तहत केस दर्ज किया जाएगा। फायर ब्रिगेड कर्मी श्वास उपकरण पहनकर जब सीवर टैंक में गए तो सभी अचेत अवस्था में मिले। आशंका जताई जा रही है कि सीवर टैंक का मैनहोल चेंबर बहुत छोटा था, ऐसे में वहां इकठ्ठा हुई गैसों के कारण तीनों पीड़ितों का दम घुट गया।
मृतकों की पहचान रघु सोलंकी (50) और जावेद शेख (36) के तौर पर हुई है, जबकि अकीब शेख (19) की हालत गंभीर है।
मार्च-अप्रैल में 10 की मौत!
पिछले दो महीने में इसी तरह की यह चौथी घटना है। इससे पहले 16 अप्रैल को वसई में एक कंपनी के सीवेज टैंक की सफाई के दौरान कथित तौर पर जहरीली गैसों की चपेट में आने से मजदूर तिरूपति भूरे (33) की मौत हो गई। 9 अप्रैल को विरार में एक आवासीय टाउनशिप के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई करने वाले चार कर्मचारियों की जहरीली गैस के कारण दम घुटने से मौत हो गई। यह घटना विरार पश्चिम में ग्लोबल सिटी स्थित संदीपनी प्रोजेक्ट में हुई। इस मामले में सुपरवाइजर को लापरवाही से मौत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। वहीँ, पिछले महीने 21 मार्च में मलाड में मालवणी अंबुजवाड़ी में एक पब्लिक टॉयलेट के सेप्टिक टैंक को साफ करने के लिए उसमें उतरे तीन मजदूरों की मौत हो गई।