विदित हो कि कन्नमवार नगर की 11 इमारतें करीब 40-50 साल पुरानी हैं, जहां लगभग 1 हजार परिवार रहते हैं। वहीं म्हाडा 2016 में ही निवासियों को खतरनाक ईमारतों की नोटिस जारी कर चुका है, जबकि निवासी इमारत को खाली करने के लिए तैयार नहीं हैं। म्हाडा प्रशासन ने बोरीवली में इन निवासियों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया है, लेकिन निवासी उस जगह पर जाने के लिए तैयार नहीं हैं। दिसंबर के अंत तक म्हाडा को 417 स्थायी और अतिरिक्त 600 घर उपलब्ध कराए जाएंगे, इसलिए कन्नमवार नगर के निवासियों को स्थानांतरित करने का विकल्प है।
उल्लेखनीय है कि म्हाडा प्रशासन ने इन इमारतों की समयबद्ध तरीके से मरम्मत करने का निर्णय लिया है, ताकि इन इमारतों को एक साल के भीतर बनाए रखा जा सके। घोषालकर ने कहा कि निवासियों को यह कहते हुए नोटिस दिया गया कि इमारत खतरनाक है, फिर भी निवासी अपनी ज़िम्मेदारी पर इमारत में रह रहे हैं।क्योंकि म्हाडा प्रशासन के साथ निवासियों का सहयोग नहीं मिल रहा है।