शिवमंत्र में दिव्य शक्ति है, श्रद्धा भाव से इस मंत्र के जाप से मनोवांछित फल की प्राप्ति की जा सकती है। मंत्र की सिद्धी और साधना के लिए दृढ़ संकल्प का होना बेहद जरूरी है। इसके बगैर मनोकामना पूरी नहीं हो सकती है। इन मंत्रों का प्रयोग महाशिवरात्रि, सूर्य ग्रहण,चन्द्र ग्रहण, दीपोत्सव, अक्षय तृतीया, संक्रांति, होलाष्टक, रवि पुष्य नक्षत्र, गुरु पुष्य नक्षत्र, अमृत सिद्धी योग, अमावस्या और नवरात्र आदि त्योहारों के मौके पर करना शुभ माना गया है।
इन मंत्रों से मिलता है शीघ्र लाभ, आप भी जाने और प्रयोग करके देखें शिव मंत्र में कितनी शक्ति है।
1. आयु बढ़ाता है यह मंत्र
ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप रोज करना चाहिए। खासकर शिवलिंग का पूजन करते समय। शिवलिंग पर दुर्वा और जल चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है।
2. शिव आराधना से प्रसन्न होती है लक्ष्मी
प्रतिदिन कमल के फूलों को ऊँ महादेवाय नम: मंत्र का जाप करते हुए शिव लिंग पर अर्पित करने से शिव तो प्रसन्न होते ही हैं, लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। घर में वैभव में बढ़ोत्तरी होती है।
3. पुत्र रत्न की मनोकामना होती है पूरी
नियमित काले धतूरे के फूल, जिसमें धतुरे के पौधे का डंठल लाल होती है। उसे शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। साथ में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र बोलते हुए शिवलिंग पर चढ़ाकर शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ अथवा शिव चालिसा के 11 पाठ भी रोज करने से संतान प्राप्ति होती है।
4. मान-सम्मान ऐश्वर्य की होती है प्राप्ति
रोज अगस्त्य के फूलों को ‘ऊँ नमो भगवते रुद्राय’ मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाने से मान-सम्मान-यश और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
5. मोक्ष भी देते हैं शिवाय
रोज ऊँ नमो भगवते रुद्राय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते चढ़ाने से भोग और मोक्ष मिल जाता है।
6. वाहन और मकान का मिलता है सुख
ऊँ महा देवाय नम: का मंत्र जाप करते हुए रोज चमेली के फूलों को शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे मकान और वाहन सुख प्राप्त होता है।
7. मन पसन्द प्रेमिका या पत्नी मिलती है
रोज ऊँ भगवत्यै उमा देव्यै शंकर प्रियायै नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए बेला के पुष्पों को शिव-पार्वती को अर्पित कर प्रार्थना करें। इससे मनपसन्द प्रेमिका अथवा पत्नी मिल जाती है।
8. दूर होते हैं रोग
नियमित रूप से कनेर के फूलों को ऊँ ह्रौं जूँ सः मम पालय पालय स: जूँ ह्रौं ऊँ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे कई प्रकार के रोग शरीर से दूर ही रहते हैं।
9. भय, क्लेश और गरीबी होती है दूर
रोज तिल के फूलों को शिवलिंग पर चढ़ाएं और ऊँ शंकराय नम: मंत्र का जाप करने से भय, गरीबी, क्लेश, बंधन आदि से छुटकारा मिल जाता है।
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