scriptतीज-त्योहारों पर तारीखों की उलझन, पंडित जी के पंचांग में दो-दो मूहुर्त | Hindu Festivals 2016 | Patrika News
MP Religion & Spirituality

तीज-त्योहारों पर तारीखों की उलझन, पंडित जी के पंचांग में दो-दो मूहुर्त

मूहुर्त और उदयातिथि के फेर में त्योहार उलझ गए हैं। पंडितों के गणित ने उलझन को विकट कर दिया है। कुछ त्योहारों पर दो तिथिया परेशान करेंगी तो कुेछ मौकों पर एक तारीख नदारद रहने से दिक्कत महसूस होगी।

Sep 15, 2016 / 02:04 pm

Anwar Khan

sawan will be come, festivals is start

sawan will be come, festivals is start

भोपाल। मूहुर्त और उदयातिथि के फेर में त्योहार उलझ गए हैं। पंडितों के गणित ने उलझन को विकट कर दिया है। कुछ त्योहारों पर दो तिथिया परेशान करेंगी तो कुेछ मौकों पर एक तारीख नदारद रहने से दिक्कत महसूस होगी।

पितृपक्ष पखवाड़े में जहां एक ही दिन दो तिथियों के श्राद्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर नवरात्र में एक ही तिथि दो दिन विद्यमान रहेगी और दो दिनों तक ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। इसी तरह दशहरा, शरद पूर्णिमा, आदि व्रत पर्वों पर तिथियों और नक्षत्रों के कारण असमंजस की स्थिति है। 

पितृपक्ष का तिथि भ्रम
पितृपक्ष पखवाड़ा 16 दिन का होता है। जिसमें पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक 15 दिन अलग-अलग तिथियों पर श्राद्धकर्म किए जाते हैं। ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि 16 वें दिन सर्वपितृमोक्ष अमावस्या होती है। लेकिन इस बार सर्वपितृमोक्ष अमावस्या 15 वें दिन ही रहेगी। इस बार 24 सितम्बर को अष्टमी और नवमी तिथि एकसाथ रहेगी। इसलिए इन दोनों ही तिथियों का श्राद्धकर्म एक ही दिन होगा। पितृपक्ष पखवाड़ा 16 सितम्बर से शुरू होकर 30 सितम्बर तक चलेगा। 

दस दिन के नवरात्र 
इस नवरात्र में एक दिन की बढ़ोतरी है। पं. धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस बार नवरात्र दस दिनों के होंगे। द्वितीया तिथि लगातार दो दिनों तक मौजूद रहेगी। इसलिए द्वितीया और तृतीया को दोनों ही दिन मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। 2 और 3 अक्टूबर को द्वितीया तिथि रहेगी।


दशहरा भी खिसका
दशहरा श्रवण नक्षत्रयुक्त दशमी तिथि में मनाया जाता है, लेकिन इस बार कुछ स्थानीय पंचांगों में श्रवण नक्षत्र शाम 4 बजकर 29 मिनट तक ही दिया गया है, वहीं कुछ पंचांगों में श्रवण नक्षत्र रात्रि 7:59 तक है। पंडितों का कहना है कि दशहरा 11 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। 

शरद पूर्णिमा को लेकर भी साफ नहीं स्थिति इस बार शरद पूर्णिमा के पर्व को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल पूर्णिमा तिथि 15 और 16 अक्टूबर दो दिन मौजूद रहेगी। पं. प्रहलाद पंड्या के अनुसार पूर्णिमा तिथि 15 अक्टूबर को दोपहर में आएगी और अगले दिन सूर्योदय के बाद तक मौजूद रहेगी। पूर्णिमा का व्रत रात्रिकालीन होता है, इसलिए शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। 16 को स्नानदान पूर्णिमा होगा। 

Hindi News / MP Religion & Spirituality / तीज-त्योहारों पर तारीखों की उलझन, पंडित जी के पंचांग में दो-दो मूहुर्त

ट्रेंडिंग वीडियो