Sector 36 Review: क्राइम थ्रिलर जॉनर हमेशा दर्शकों के बीच एक खास जगह बनाए रखता है। इन फिल्मों में जबरदस्त सस्पेंस, तीव्रतम अपराध, और एक नई तरह की मानसिकता की झलक देखने को मिलती है, जो दर्शकों को अपनी सीटों से बांधे रखती है।
‘सेक्टर 36’ इस परंपरा को एक नई दिशा प्रदान करती है, क्योंकि यह न केवल एक क्राइम थ्रिलर है बल्कि समाज के अंधेरे पहलुओं को बेनकाब करने में भी सक्षम है। मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियोज के सहयोग से निर्मित, इस फिल्म ने दर्शकों को दिखाया है कि अपराध की दुनिया का सच्चा चेहरा कितना भयावह और परेशान करने वाला हो सकता है।
फिल्म की कहानी एक अमीर मोहल्ले में काम करने वाले प्रेम सिंह (विक्रांत मैसी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक निर्दयी सीरियल किलर है। उसकी सामान्य दिनचर्या के पीछे छिपी उसकी क्रूरता और बच्चे के अपहरण और हत्या की घटनाएँ फिल्म को एक गहरी और भयावह दिशा देती हैं। सिंह की दुष्टता उसके अतीत के दर्दनाक अनुभवों से उत्पन्न हुई है, जो उसे एक खतरनाक हत्यारे में बदल देती है।
प्रेम सिंह का नियोक्ता भी बच्चों के साथ दुराचार के आरोपों में उलझा होता है। दोनों के बीच की जटिल और भयावह साझेदारी फिल्म की कहानी को और भी घातक बना देती है।दीपक डोबरियाल ने फिल्म में इंस्पेक्टर राम चरण पांडे का किरदार निभाया है, जो एक प्रतिबद्ध पुलिस अधिकारी हैं। शुरुआत में, वह लापता बच्चों के मामलों को सिर्फ आंकड़ों की तरह देखता है। लेकिन जब उसकी अपनी बेटी एक संभावित शिकार से बच जाती है, तो उसकी सोच में बड़ा बदलाव आ जाता है। इस व्यक्तिगत जुड़ाव के बाद, वह मामले की गहराई में उतरकर सख्त न्याय की खोज में लग जाता है।
कैसी है एक्टिंग
विक्रांत मैसी ने प्रेम सिंह के किरदार में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया है। उनकी भूमिका में गहराई और क्रूरता का एक अनूठा संगम है, जो दर्शकों को प्रभावित करता है। मैसी की अदाकारी ने उनके चरित्र को जीवंत और डरावना बना दिया है।
दीपक डोबरियाल ने इंस्पेक्टर राम चरण पांडे के रूप में एक सशक्त और भावनात्मक प्रदर्शन किया है। उनके किरदार की यात्रा, एक असंवेदनशील पुलिस अधिकारी से एक प्रभावशाली न्यायधीश तक, फिल्म की भावनात्मक गहराई को बढ़ाती है।
मैडॉक फिल्म्स ने सेक्टर 36 के निर्माण में एक बार फिर से अपने उत्कृष्टता को साबित किया है। उनके द्वारा चुनी गई इस चुनौतीपूर्ण कहानी ने फिल्म को समाज के गंभीर मुद्दों पर प्रकाश डालने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म प्रदान किया है। उनकी यह नई फिल्म भी दर्शकों को उनके पहले के प्रोजेक्ट्स की तरह ही एक गहन और यादगार सिनेमाई अनुभव प्रदान करती है, जो निश्चित ही उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा।
आदित्य निम्बालकर का निर्देशन इस फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अंधेरे और जटिल विषयों को सहजता से प्रस्तुत किया है, जिससे फिल्म की तीव्रता और प्रभावशालीता बढ़ गई है। उनकी दृष्टि और निर्देशन ने फिल्म को एक नया आयाम दिया है। सेक्टर 36 सिर्फ एक साधारण क्राइम थ्रिलर नहीं है; यह समाज की गहरी और भयावह सच्चाई को उजागर करने वाली एक सशक्त फिल्म है।
मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियोज के बैनर तले दिनेश विजन और ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित , सेक्टर 36 एक ऐसी क्राइम थ्रिलर है जो हमारे समाज के अंधकारमय सच को सबके सामने लेकर आती है। ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है।