आर्यन शर्मा। ‘दुश्मन’, ‘संघर्ष’ सरीखी फिल्मों की निर्देशक तनुजा चन्द्रा लम्बे गैप के बाद अब ‘करीब करीब सिंगल’ लेकर आई हैं। फिल्म का कॉन्सेप्ट इंटेरस्टिंग है, जिसमें अधेड़ उम्र का प्रेम दिखाया गया है, जो एक शायरना मिजाज शख्स और वर्किंग वुमन की कहानी है। इस रोड ट्रिप मूवी का ताना-बाना ऑनलाइन डेटिंग के साथ खूबसूरती से संजोया गया है। फिल्म में लीड में इरफान खान हैं और उनके अपोजिट हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू कर रही साउथ की अभिनेत्री पार्वती हैं। करीब करीब सिंगल किरदारों की यह जर्नी कई पड़ावों से गुजरती हुई खूबसूरत अंजाम पर खत्म होती है और दर्शकों का मनोरंजन करती है। हालांकि फस्र्ट हाफ में जिस फ्लो के साथ फिल्म आगे बढ़ती है, वह सैकंड हाफ में कहीं-कहीं टूटता नजर आता है। इसके बावजूद तनुजा दर्शकों को ताजगी से भरी फिल्म देने में कामयाब रही हैं।
स्क्रिप्ट
कहानी जया (पार्वती) और योगी (इरफान) की है, जिनकी सिंगल रहने वाली उम्र बीत चुकी है, लेकिन दोनों व्यक्तिगत कारणों से सिंगल हैं। दरअसल, पार्वती के पति मानव का 10 साल पहले निधन हो चुका है, वहीं शायरना मिजाज और मस्तमौला योगी की अतीत में तीन गर्लफ्रेंड्स रही हैं, जिनसे उनका जानलेवा इश्क रहा है, लेकिन अब वह सिंगल है। डेटिंग साइट अब तक सिंगल के जरिए जया एक कॉफी शॉप में योगी से मिलती है। योगी जया को अपनी तीन एक्स के बारे में बताता है और डींगे हांकते हुए कहता है कि अगर वह अब भी उनसे मिले तो भी वो फूट-फूट कर रोने लगेंगी। ऐसे में जया उससे तीनों एक्स से मिलने को कहती है। इस सफर में वह जया को उसका साथी बनने को कहता है। फिर दोनों उनसे मिलने निकल पड़ते हैं। कहानी ऋषिकेश, जयपुर , गंगटोक के सौन्दर्य और इंटरेस्टिंग सिचुएशंस के साथ आगे बढ़ती है।
एक्टिंग
हमेशा की तरह इरफान ने लाजवाब अभिनय किया है। उनकी शायरी कमाल की हैं और जिस बिंदास अंदाज में वह बोलते हैं तो एक चार्म बिखेरते हैं, जिससे वह सीधे दिल को छू लेते हैं। वहीं, पार्वती ने सहज अभिनय किया है और खूबसूरत भी लगी हैं। कैमियो में नेहा धूपिया, ईशा शरवानी और बृजेन्द्र काला के लिए करने को कुछ खास नहीं था।
डायरेक्शन
प्लॉट अच्छा है, जिस पर दिलचस्प कहानी बुनने की कोशिश की है, लेकिन दूसरे हाफ में स्क्रीनप्ले में कसावट कम नजर आती है, जिससे मनोरंजन की रफ्तार पर भी असर पड़ता है। इसे टाइट किया जा सकता था। तनुजा ने फिल्म को इस ढंग से प्रजेंट किया है, जो दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है। गीत-संगीत कहानी से ताल मिलाने में सफल रहा है। सिनेमैटोग्राफी और लोकेशंस बेहद आकर्षक हैं।
फिल्म रोमांस को अलग अंदाज में बयां करती है, वहीं अभिनय के स्तर पर भी उम्दा है, खासकर इरफान का सादगीभरा अंदाज, शायरी, डायलॉग और स्क्रीन प्रजेंस जबरदस्त है। वह अपनी परफॉर्मेंस से गुदगुदाने के काफी मौके देते हैं। पार्वती के साथ उनकी कैमिस्ट्री भी मोहक है।
क्यों देखें
अगर आप इरफान के फैन हैं और डिफरेंट कॉन्सेप्ट पर आधारित फिल्म देखना चाहते हैं तो ‘…सिंगल’ इस हफ्ते करीब करीब अच्छा ऑप्शन है।