कहानी
मूवी की कहानी बिजनेसमैन हर्ष टंडन (जावेद जाफरी) के इर्द-गिर्द घुमती है। फिल्म में वो एक ऐसे बिजनेसमैन के किरदार में है जो अपनी लाइफ में सबकुछ हासिल करना चाहता है। उनकी फैमिली में उनकी पत्नी (निकी अनेजा) उनका बेटा सैम (ऋषभ चड्ढा) और बेटी तनु (मीनाक्षी दीक्षित) हैं। जावेद जाफरी को कभी-कभी अजीबोगरीब लोग दिखाई देते हैं। इस वजह से उन्हें डॉक्टर्स छुट्टी पर जाने के लिए कहते हैं। डॉक्टर की बात मानकर हर्ष अपने बीवी बच्चों और राहुल के साथ छुट्टी के लिए कार लेकर लखनऊ से नैनीताल की ओर रवाना हो जाते हैं। इसी दौरान बीच रास्ते में ही उनकी गाड़ी खराब हो जाती है। इसकी वजह से वो एक राहगीर विजय राज के घर रुकने के लिए चले जाते हैं। बस यहीं से कहानी में कई सारे ट्विस्ट आ जाते हैं और समय-समय पर अजीबोगरीब भूतियां घटनाएं होने लगती हैं।
कमजोर कड़ियां
फिल्म का सबसे कमजोर पक्ष इसकी लचर कहानी औऱ स्क्रीनप्ले है। पहले 20 मिनट में फिल्म थोड़ी कमज़ोर नज़र आती है और कुछ कुछ दृश्य ड्रैग करते हैं. लेकिन फिल्म का सेकंड हाफ पूरी तरह बोर करता है। फिल्म में बार-बार होने वाली घटनाओं का कॉन्सेप्ट समझ नहीं आता है। कुछ देर बाद बोरियत भी होने लगती है। कई बार ऐसा भी प्रतीत होता है कि बार-बार एक ही तरह के सीन दिखाए जा रहे हैं। एक्टिंग के लिहाज से भी यह फिल्म कुछ खास साबित नहीं हुई है। बहरहाल कहानी बढ़ियां होती तो जावेद जाफरी और विजय राज जैसे एक्टर्स भी उम्दा नजर आते। डायरेक्टर प्रभु राज के डायरेक्शन में कुछ प्रयास तो नजर आता है लेकिन कहानी ने उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। अगर आप जावेद जाफरी या विजय राज के फैन हैं तो एक बार जरूर ट्राई कर सकते हैं।