फिल्म की कहानी कुछ इस तरह से है। जब कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से बॉर्डर बंद हो गए थे। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा था तो वो अपने गांव जाना चाहते थे लेकिन जाते कैसे? बॉर्डर तो बंद थे। दीया मिर्ज की बेटी दूसरे शहर में पढती है लेकिन मां उसे कैसे लेने जाए वो तो यूपी बॉर्डर पर फंस गई है। राजकुमार राव पुलिसवाले के किरदार में हैं। अपना काम ईमानदारी से करना चाहते हैं लेकिन उनकी छोटी जाति बीच में आ जाती है। आशुतोष राणा पुलिस हेड हैं। पंकज कपूर पंडित समाज से हैं। भूमि पेडनेकर डॉक्टर हैं। कृतिका कामरा पत्रकार के रोल में हैं। ये सब कोरोना और लॉकडाउन के चलते बेबस हैं और अलग अलग तरीके से जूझ रहे हैं।
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एक्टिंग के मामले में इस फिल्म के सभी स्टार नंबर वन है। सभी ने कमाल की एक्टिंग की है। राजकुमार राव (Rajkummar Rao) चौकी इंचार्ज के किरदार में दिल को छू लेंगे। उनकी एक्टिंग का दम देखकर आप खुद ही समझ जाएंगे। तो वहीं आशुतोष राणा तो ऐसे एक्टर हैं जिनकी एक्टिंग और दमदार आवाज से हर कोई वाकिफ है। पंकज कपूर का काम हर बार की लाजवाब है। भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) ने इस रोल से साफ कर दिया है कि वह ग्लैमरस रोल के अलावा सीरीयस रोल भी बखूबी निभा सकती है। दीया मिर्जा एक मां के दर्द को बहुत अच्छे से पेश किया है। पूरी फिल्म एक्टिंग के दम पर नंबर वन पर है।
अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने वाकई इस फिल्म को एक आम आदमी के नजरिए से बनाया है। आप सिनेमा हॉल में बैठे हुए उन दिनों के दर्द को फिर से याद करते हैं वो दर्द फिर से महसूस करते है। अनुभव ने इसी सोच के साथ ये कमाल की फिल्म बनाई है। फिल्म को लेकर यूजर्स और सेलेब्स के लागातार कमेंट आ रहे हैं। तो वहीं फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने फिल्म भीड़ (Bheed) को मकबूल फिल्म से कम्पेयर किया है।