मोरेना

गणेशी हॉस्पीटल: मेडिकल, लैब, एक्सरे नियम विरुद्ध संचालित, फिर भी कार्रवाई नहीं

– औषधि निरीक्षक को मेडिकल और चिकित्सकों की टीम को मिली हॉस्पीटल में तमाम अनियमिताएं फिर भी स्वास्थ्य महकमा व प्रशासन मौन
– अनट्रेंड स्टाफ और अनुमति से अधिक मिले पलंग, सीएमएचओ मेहरबान
– चिकित्सकों की टीम का निरीक्षण सिर्फ एक हॉस्पीटल तक सिमटा, शहर में और भी है निजी अस्पताल जिनमें तमाम अनियमितताएं व्याप्त

मोरेनाJan 21, 2025 / 12:07 pm

Ashok Sharma

मुरैना. शहर की एम एस रोड पर संचालित गणेशी हॉस्पीटल में औषधि निरीक्षक को नियम विरुद्ध मेडिकल और चिकित्सकों की टीम को तमाम अनियमिताएं अस्पताल में मिली, उसके बाद भी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई न होना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। सीएमएचओ को शहर सहित जिले में अन्य हॉस्पीटलों की जांच करानी थी, लेकिन सिर्फ एक ही हॉस्पीटल सिमटकर रह गई। शहर व जिले में ऐसे कई अन्य निजी अस्पताल हैं जिनमें तमाम अनियमितताएं व्याप्त हैं लेकिन कार्रवाई सिर्फ गणेशी हॉस्पीटल तक सिमट कर रह गई।
यहां बता दें कि औषधि निरीक्षक को हॉस्पीटल में निरीक्षण के दौरान जिस व्यक्ति के नाम से मेडिकल संचालित था, वह व्यक्ति नहीं मिला। मेडिकल का लाइसेंस किसी और के नाम से था, चला कोई और रहा था। लाइसेंस किसी आकाश गौड़ के नाम से बताया जा रहा है, लेकिन मेडिकल को चिकित्सक के कर्मचारी ही संचालित करते मिले। इसके अलावा चिकित्सकों की टीम ने 15 अक्टूबर को गणेशी हॉस्पीटल का निरीक्षण किया, उस दौरान 44 बेड्स मिले, जबकि जिला कार्यालय द्वारा हॉस्पीटल को 30 बिस्तर के मान से पंजीयन जारी किया गया था। हॉस्पीटल की फायर एनओसी एवं इलेक्ट्रिक ऑडिट प्रपत्र प्रस्तुत किए जाने हेतु निरीक्षण दल द्वारा कहा गया, संचालक ने द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। निरीक्षण दल को हॉस्पीटल से निकलने वाले वाली मेडिकल बेस्ट के संधारण हेतु सेगरीगेशन के मान से डस्टबिन रखे नहीं मिले, जिससे मरीजों में संक्रमण फैलने खतरा संभावित होना पाया गया। हॉस्पीटल पर सेवाएं प्रदान कर रहा नर्सिंग स्टाफ निर्धारित योग्यता व मापदण्डानुसार नहीं था। अप्रशिक्षित ट्रेनी नर्सिंग स्टाफ कार्यरत था। हॉस्पीटल पर एक्स-रे मशीन बिना पंजीयन के संचालित होना पाई गई थी। सीएमएचओ ने 18 अक्टूबर को हॉपीटल संचालक को नोटिस जारी करके तीन दिन में जवाब चाहा था लेकिन संचालक द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया, उसके बाद भी सीएमएचओ की दरियादिली देखिए कि हॉस्पीटल संचालक को अभयदान दे दिया। अभयदान देने के पीछे कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं, सच्चाई क्या है, यह तो सीएमएचओ या फिर हॉस्पीटल संचालक ही जानें। सीएमएचओ और हॉस्पीटल संचालक के बीच कुछ तो हुआ है, बिना आग के धूंआ नहीं उठता।

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