838 मेडिकल स्टोर, 50 प्रतिशत नहीं बैठते लाइसेंस होल्डर
– नियम विरुद्ध संचालित हैं मेडिकल स्टोर, कागजों में निरीक्षण करते हैं औषधि विभाग के अधिकारी
838 मेडिकल स्टोर, 50 प्रतिशत नहीं बैठते लाइसेंस होल्डर
मुरैना. जिले में संचालित 838 मेडिकल स्टोर में अधिकांश नियम विरुद्ध संचालित हैं। खबर है कि 50 प्रतिशत मेडिकल स्टोर पर लाइसेंस होल्डर की जगह और लोग बैठ रहे हैं जो नियमानुसार पात्र नहीं हैं। इनके निरीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में तैनात औषधि निरीक्षण तैनात है लेकिन वह न तो कार्यालय में और न फील्ड में दिखाई देते हैं। मेडिकल स्टोर्स के निरीक्षण भी कागजों में संपन्न कर लिए जाते हैं।
औषधि विभाग के अनुसार अप्रैल २०२२ की स्थिति में जिले में 838 मेडिकल स्टोर संचालित हैं। इन मेडिकल स्टोर पर कौन बैठ रहा है, दवाएं बेची तजा रही वह कहां से आ रही हैं, जिस कंपनी की दवा बिक रही हैं, वह कंपनी दवा बेचने के लिए अधिकृत है कि नहीं, इसके अलावा कई ऐसे बिंदु हैं जिनकी जांच होना चाहिए लेकिन औषधि निरीक्षक द्वारा जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। इसी के चलते मेडिकल संचालक मनमानी कर रहे हैं। लाइसेंस किसी के नाम से लिए बैठे हैं और दुकान का संचालन कोई और कर रहा है।
दो साल में आए नवीन लाइसेंस के लिए 308 आवेदन
औषधि विभाग में मेडिकल के नवीन लाइसेंस के लिए जनवरी २०१९ से २१ अप्रैल २०२२ तक 308 आवेदन आए। चर्चा है कि यहां भले ही आवेदन ऑनलाइन होता है लेकिन जब तक आवेदक संंबंधित अधिकारी से नही मिल लेता उसका लाइसेंस आगे नहीं बढ़ता। आवेदन तो काफी लोग करते हैं लेकिन लाइसेंस उन्हीं का बनता है जो अपने निजी प्रयास कर लेते हैं। जो आवेदन करके बैठ गए हैं, उनके पेडिंग में डाल दिया जाता है या फिर कुछ कमी निकाल कर निरस्त कर दिया जाता है।
नोटिस के बाद नहीं होती कार्रवाई
मेडिकल स्टोर संचालकों को औषधि निरीक्षक द्वारा नोटिस तो दिया जाता है लेकिन बाद में संबंधित व्यक्ति थोक के एक मेडिकल स्टोर संचालक से व्यक्तिगत मुलाकात के बाद मामला रफे दफे कर दिया जाता है। जनवरी २०१९ से अभी तक नोटिस तो दर्जनों मेडिकल स्टोर संचालकों को दिए गए लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। कोरोनाकाल में कुछ मेडिकल स्टोर पर की गई कार्रवाई का बड़ा ढिढोरा पीटा गया लेकिन बाद में कार्रवाई क्या हुई, अधिकारी बताने को तैयार नहीं हैं।
लाइसेंस थोक का, खेरीज में बेच रहे दवाएं
जिले भर में ऐसे दर्जनों मेडिकल स्टोर संचालित हैं जिनके पास थोक का लाइसेंस हैं और खेरीज में दवा बेच रहे हैं। कुछ क्लीनिक व अस्पतालों पर भी ऐसा हो रहा है। बताया जाता है कि मेडिकल स्टोर के लिए दुकान की जगह निर्धारित मापदंड के तहत होना चाहिए लेकिन कई दुकान ऐसी हैं जो गैलरीनुमा दुकानों में संचालित हैं। कुछ जगह खुले में दवा रखी हैं। अधिकांश दुकानों पर दवा बेचने वाले व्यक्ति का लाइसेंस चस्पा नहीं होता और न ही दवाओं की सूची चस्पा रहती है।
कथन
– औषधि निरीक्षक को बोलकर मेडिकल स्टोर के निरीक्षण करवाते हैं। यह निरीक्षण की कार्रवाई लंबी चले, ऐसी व्यवस्था करवाते हैं।
डॉ. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना
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