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ये है मांग
पत्र की भाषा के मुताबिक मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि कांस्टेबल प्रशांत चौधरी और सहयोगी संदीप कुमार अपनी ड्यूटी पर थे।इसी दौरान सूनसान सड़क पर मृतक विवेक तिवारी गाड़ी के अंदर अपनी महिला मित्र के साथ थे। जब सिपाहियों ने उन्हें टोका और पूछताछ की तो विवेक तिवारी ने उन पर गाड़ी चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की। जिसमें आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी और विवेक की मौत हुई। इसके बाद मृतक के परिवार को चालीस लाख रूपए की आर्थिक सहायता और नौकरी दी गयी।
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पुलिस कर्मियों के लिए मांगा मुआवजा
इस पर सवाल उठाया गया है कि इस घटना से पहले कई पुलिस कर्मियों को चेकिंग के दौरान गाड़ी से कुचलकर मारा गया है। ऐसे पुलिस कर्मियों को कोई आर्थिक सहायता और न आश्रितों को नौकरी दी गयी। जिस कारण शोषण का शिकार होकर कर्मचारी आये दिन आत्महत्या जैसे भी कदम उठा रहे हैं। मांग की गयी है कि जिन कर्मियों की इस तरह मृत्यु हुई है उनके परिजनों को भी 40-40 लाख रूपए की मदद की जाये और विवेक के परिवार की तरह उन्हें भी नौकरी दी जाये।
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इस तारीख से होगा आन्दोलन
यही नहीं आरोपी प्रशांत चौधरी और संदीप की तरफ से भी मुकदमा दर्ज किया जाये। एसोसिएशन ने मांगें न पूरी होने पर 11 अक्टूबर से सभी पुलिस मेस में भूख हड़ताल का एलान किया है। अगर इसके बाद भी पुलिस कर्मियों को न्याय नहीं मिला तो आगे आन्दोलन होगा।
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पहले भी आ चुकी सामने ये यूनियन
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कोई यूनियन नहीं है,लेकिन पुलिस कर्मियों के अधिकारों को लेकर ये यूनियन पहले भी सामने आ चुकी है। लेकिन इस बार की घटना में इस यूनियन को अंदर खाने पुलिस कर्मियों का भी समर्थन मिल रहा है। जबकि किसी भी अधिकारी ने इस तरह के पत्र या आन्दोलन की सूचना से इनकार किया है।