अगर टमाटर उत्पादन की बात करें तो नासिक के बाद अमरोहा दूसरे नंबर पर आता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मार्च, अप्रैल, मई और जून में टमाटर की फसल बोई जाती है। बंपर उत्पादन के चलते मंडी में टमाटर सस्ता रहता है तथा देशभर की मंडियों को भी निर्यात किया जाता है। जबकि सितंबर, अक्तूबर व नवंबर में महाराष्ट्र के नासिक में टमाटर की फसल उगाई जाती है। वहां से टमाटर दिल्ली होते हुए पश्चिमी यूपी की मंडियों में लाया जाता है।
हर साल कारोबारी सीजन के हिसाब से टमाटर का आयात-निर्यात करते हैं। परंतु इस बार नासिक का टमाटर खाने के शौकीन लोगों की जेब खूब हल्की कर रहा है। हर घर की रसोई में टमाटर रखा मिल जाता है। रविवार को बाजार में फुटकर में 50 से 60 रुपये प्रतिकिलो टमाटर बेचा गया। यह दाम सुनकर चौंकने की जरूरत नहीं है। चार दिन पहले 90 रुपये किलो तक बेचा गया था। हालांकि तीन दिन से मंडियों में नासिक के टमाटर की आवक बढ़ गई है। जिससे आने वाले दिनों में इसके दाम घट कर 25 रुपये तक आने की उम्मीद है।