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आॅन ड्यूटी ये काम करता था चपरासी
शहर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने सोमवार को समाज कल्याण विभाग में तैनात चपरासी को 10 लाख रुपये की कीमत की स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ये आसपास व अन्य इलाकों में स्मैक और चरस की सप्लाई करता था।पुलिस ने आरोपी को समाज कल्याण दफ्तर के पास से ही पी ए सी तिराहे से रंगे हाथ पकड़ा है।उस समय आरोपी आॅन ड्यूटी था।साथ ही उस वक्त स्मैक की कहीं सप्लाई देने जा रहा था।पुलिस ने जाल बिछाकर यहां से समाज कल्याण विभाग में तैनात चपरासी ज्ञान प्रकाश को 10 लाख की स्मैक के साथ गिरफ्तार कर लिया।पुलिस अभी उससे उसके और साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस के मुताबिक उसे काफी समय से जानकारी थी और वो इसे ट्रेस कर रही थी। सोमवार को रंगे हाथ पकड़ लिया।
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कुछ इस तरह चल रहा है यह पूरा धंधा
जानकारी के अनुसार स्मैक आैर चरस सप्लायरों की गैंग में महिलाएं भी शामिल है।ये महिलाएं पहले काॅलेज से लेकर खाली घूमने वाले छात्रों को चिन्हित करती थी।इसके बाद छात्रों आैर युवकों को स्मैक आैर चरस मुफ्त में देकर उन्हें इनकी आदत डलवाती है।इसमें गिरोह के लोग भी शामिल होते है।इतना ही नहीं बताया जाता है कि जब छात्र इसके आदि हो जाते है।ताे छात्र खुद उनके पास आकर इसकी डिमांड करते है। इसके बाद वह इसी स्मैक आैर चरस को उन्हें मुंह मांगी कीमत पर बेचते है।
पुलिस से बचने के लिए किया जाता है इस एेप का इस्तेमाल
वहीं जानकारी के अनुसार तस्कर पुलिस से बचने के लिए स्मैक आैर चरस जैसी चीजों को चेटिंग आैर वीडियो काॅलिंग के लिए बने वाॅट्सएेप का इस्तेमाल करते है।वह आॅन डिमांड वाॅट्सएेप पर स्मैक आैर चरस की होम डिलीवरी करते है।इसके लिए बाकायदा ग्रुप बनाकर इसको अंजाम दिया जाता है। बता दें कि इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने एेसे ही दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था।जहां वाॅट्सएेप के जरिए गांजे आॅर्डर लेकर डिलीवर किया जा रहा था।पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अभी भी कुछ तस्कर इसका इस्तेमाल कर रहे है।