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दरअसल सपा शासनकाल में आज़म खान कैबीनेट मंत्री थे , उन्होंने जल निगम में भर्ती करवाई थीं, उस दौरान उनके विभाग में 1300 पदों पर भर्तियां हुई थीं। इन भर्तियों में आजम खान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। बाद में जब सत्ता परिवर्तन हुआ तब योगी सरकार ने भर्ती घटाले में सपा नेता आज़म खान के खिलाफ एसआईटी को मामले की जांच सौप दी। अभी एसआईटी जांच पूरी भी नहीं हुई कि मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आजम ने हाईकाेर्ट में याचिका दायर कर दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए काेर्ट ने एसआईटी के जवाब के बाद याचिका निस्तारित कर दी।
ये भी पढ़ें : कैराना नूरपुर उप चुनावः भीम आर्मी संस्थापक का जेल से दलिताें के लिए खुला पत्र, भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किलें भले ही एसआईटी से राहत नहीं मिली हो, लेकिन हाईकोर्ट से मिले स्टे पर आजम खान खुशी के मारे गदगद हैं। सपा नेता आज़म खान अपने आप को नही रोक नहीं पाए और कहा इंसाफ होना था इंसाफ मिला अदालत का शुक्रिया। आज़म खान यहीं नही रुके उन्होंने आगे कहा जब जब सरकारें ज़ुल्म करती हैं,तो उस वक्त अदालत का रोल अहम हो जाता है। अदालत से ही हमें न्याय की उम्मीद है। कर्नाटक में देखिए राज्य सरकारों ने जो ***** नाच किया तो उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ किया। यह तो अदालतों की ज़िम्मेदारी होती है, कि सरकारें अगर ज़ुल्म करती हैं तो उस पर इंसाफ करें।