ये हैं बदमाश बुधवार को मुरादाबाद जेल से तीन बंदी चंदौसी कोर्ट में पेशी पर लाए गए थे। वैन में विचाराधीन बंदी बहजोई थाना इलाके के रंपुरा गांव निवासी शकील व कमल और बहजोई का ही भरतपुर निवासी धर्मपाल भी मौजूद था। वापस लौटते समय जब वैन चंदौसी से दो किलोमीटर दूर पहुंची तो शकील, कमल और धर्मपाल ने सिपाही ब्रजपाल और हरेंद्र की आंख में मिर्ची पाउडर झोंक दिया। इससे पहले की दोनों सिपाही कुछ समझ पाते, बदमाशों ने वैन की ग्रिल टेढ़ी करके भागने की कोशिश की। सिपाही ब्रजपाल और हरेंद्र ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन पर तमंचों से फायर कर दिए। इसके बाद उन्होंने वैन का दरवाजा लात मारकर तोड़ दिया और घायल सिपाही की राइफल छीनकर जंगल में भाग गए। इस बीच वैन चालक ने गाड़ी रोकी तो दरोगा व सिपाही उनके पीछे भागे, लेकिन तब तक बदमाश हाथ से निकल चुके थे।
बंदियों के पास पहले से थे मिर्ची पाउडर और हथियार आईजी रमित शर्मा का कहना है कि बंदियों के पास पहले से मिर्ची पाउडर और हथियार थे। अब सवाल यह उठता है कि बदमाशों के पास जेल में हथियार कैसे पहुंचे। जबकि हाल ही में अधिकारियों ने जेल का औचक निरीक्षण किया था।
आगे की सीट पर बैठे थे दरोगा और एक कांस्टेबल जानकारी के अनुसार, कैदी वैन में 24 बंदी मौजूद थे। उनकी सुरक्षा के लिए चालक समेत 5 पुलिसकर्मी वैन में थे। इनमें से सब इंस्पेक्टर चेतराम सिंह, कांस्टेबल खूब सिंह और ड्राइवर कृष्ण मुरारी तिवारी आगे की सीट पर थे। जबकि कांस्टेबल ब्रजपाल और हरेंद्र पीछे बैठे थे। यह घटना करीब 10 मिनट में घटित हो गई।
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