भाजपा से खिलाफ अब इस समाज ने खोला मोर्चा, 132 सीटों पर भाजपा का जीतना मुश्किल यहां बता दें कि पालिका अध्यक्ष रेशमा परवीन अंसारी एवं ब्लाॅक प्रमुख कुबरा अंसारी सपा के शासनकाल में चुने गए थे। इससे पहले शफीक अंसारी पालिका अध्यक्ष थे। उस दौरान नगर विकास मंत्री रहे आजम खान ने पालिका क्षेत्र में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपयों के विकास कार्य भी करवाए थे। वहीं जैसे ही सूबे में याेगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो ब्लाॅक प्रमुख की कुर्सी हिलने लगी थी। यहां बता दें कि ब्लाॅक प्रमुख भी शफीक अंसारी की मामी हैं। इनके खिलाफ भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन सोमवार को यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसके बाद पालिका अध्यक्ष उनके पति और ब्लाक प्रमुख ने पूर्व पालिकाध्यक्ष के आवास पर अपने समर्थकों के साथ बैठक की। सपा विधायक अब्दुल्ला आजम एवं पूर्व मंत्री आजम खां पर ब्लाॅक प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव में भितरघात का आरोप लगाते हुए हजारों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। इस दौरान पूर्व पालिकाध्यक्ष ने कहा की सपा में रहते हुए वे काफी समय से घुटन महसूस कर रहे थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
अखिलेश यादव के बाद अब इस पार्टी के मंच पर पहुंचे भाजपा के बागी नेताओं ने किया ये बड़ा ऐलान वहीं स्वार के पूर्व पालिकाध्यक्ष शफीक अंसारी, उनकी पत्नी रेशमा परवीन और ब्लाॅक प्रमुख कुबरा बेगम सपा छोड़ने की घोषणा के बाद से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। इस पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि इनका सपा से कोई संबंध नहीं है। ये लोग काफी दिनों से सपा की बैठकों में भी नहीं आ रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में ये लोग अपने हित के लिए पार्टी से जुड़े थे। साथ ही अखिलेश ने कहा कि शफीक अंसारी ने केवल अपने हितों की राजनीति की है। सपा सरकार जाने के बाद से ही वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।