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ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक यह शातिर “स्पेशल 26” फ़िल्म की तर्ज पर कारोबारियों के पास पहुंचते थे और खुद को आयकर विभाग और विजलेंस जांच टीम के अधिकारी बताकर उनके हिसाब में गड़बड़ी होने की जांच की बात कहते थे। इतना ही नहीं अधिकारी बनकर यह सम्बंधित विभाग का नोटिस भी कारोबारियों को पकड़ा देते थे और बकायदा उस नोटिस में विभाग की मुहर भी लगी होती थी।
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इस तरह आये पकड में
पुलिस को जब इस गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली तो मुखबीर की सूचना पर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए बदमाशों में अमरोहा जनपद का रहने वाला सतीश चौहान और मुरादाबाद जनपद के रहने वाले फरीद और राहिल शामिल है। बदमाशों के इस गिरोह का सरगना मुरादाबाद जनपद के रहने वाला संजीव है जो फरार चल रहा है। लग्जरी गाड़ी में पूरे रौब के साथ चलने वाला यह गिरोह कारोबारियों के अलावा स्कूल-कालेज संचालकों और निजी अस्पताल के मालिकों को भी निशाना बनाते थे। हिसाब में गड़बड़ी बताकर यह नोटिस थमाने के बाद फोन से लगातार दबाव बनाकर रंगदारी वसूल कर रहें थे।
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ये काम भी किया इस गिरोग ने
पुलिस को जानकारी मिली है कि जालसाज अब तक कई कारोबारियों और स्कूल संचालकों को शिकार बना चुकें है। पुलिस के मुताबिक नौकरी लगाने के नाम पर भी जालसाज बेरोजगार युवकों को तलाश कर उनसे मोटी रकम वसूलते थे।
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मास्टर माइंड गिरफ्त से बाहर
पुलिस को गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों के पास से केंद्रीय सतर्कता आयोग के तीन नोटिस,एंटी करप्शन के छह नोटिस, आयकर आयुक्त के दो नोटिस,दो अप्वायमेंट लैटर, नौ मोहरें, एक तमंचा,दो आईफोन बरामद हुए है। पुलिस गिरोह के मास्टर माइंड संजीव को तलाश करने के साथ ही रंगदारी दे चुके कारोबारियों की भी जानकारी जुटा रहीं है। वहीँ जानकारी में ये भी आया है कि पुलिस ने राजनितिक दबाब में गिरोह के सरगना समेत दो नाम इस मुकदमे में से निकाले हैं। सत्ता के रसूख के चलते ही ये गिरोह बड़ी तेजी से फल फूल रहा था।