ये लड़े थे पिछला चुनाव
जावेद अली अखिलेश यादव के करीबी हैं,उन्होंने 2014 के लोकसभा में भी टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने उनकी जगह नबाब इकबाल महबूब को मैदान में उतारा था। जो मोदी लहर में भाजपा के सत्यपाल सैनी से हार गए थे। फिर पूर्व सांसद डॉ शाफिकुर्रह्मान बर्क ने भी बगावत कर दी थी। इसके बाद पिछले कुछ दिनों से डॉ बर्क की शिवपाल यादव से नजदीकियों में माना जा रहा है कि सपा उन्हें टिकट नहीं देगी। जबकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और उच्च पदाधिकारियों ने सपा की इस परम्परागत सीट को जीतने के लिए रामगोपाल को उम्मीदवार लगभग मां लिया था। खुद रामगोपाल यादव भी यहां से सांसद रहे चुके हैं। उन्होंने ने भी कार्यकर्ताओं का मान रखने की बात कही थी।
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जावेद को लेकर कार्यकर्ता गंभीर
लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में अब राज्यसभा जावेद अली का को संभल लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। क्यूंकि इस सीट के साथ आसपास की लोकसभा सीटें भी मुस्लिम मतदाताओं के जनाधार वाली हैं। फिर महागठबंधन की स्थिति में संभल लोकसभा सपा के खाते में ही जाने की सम्भावना है। इसलिए जावेद अली का टिकट पक्का माना जा रहा है। जिस पर अखिलेश यादव ने भी सहमती जताई है।पांच राज्यों के चुनाव के बाद जल्द ही स्थिति साफ़ होने की उम्मीद जताई जा रही है।