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रेड जोन से हटा मुरादाबाद
यहां बता दें कि गृह मंत्रालय से कोरोना केसों के ट्रेंड व संख्या के आधार पर जोन वर्गीकरण का अधिकार मिल जाने के बाद शासन ने बुधवार रात नए सिर से जोन वर्गीकरण किया है। इसमें प्रदेश में अब मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और कानपुर नगर ही रेड जोन में रह गए हैं। मुरादाबाद को रेड जोन सूची से हटाकर अब ऑरेंज जोन में शामिल कर दिया गया है। जो पांच जनपद रेड जोन में बचे हैं उनमें भी सिर्फ नगरीय क्षेत्र ही रेड जोन में कहलाएंगे।
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ये हैं मानक
रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करने के लिए जो मानक तय किए गए हैं उनमें मुख्य तौर पर छह पहलुओं पर गौर किया जाना है। इसमें संबंधित जिले में कुल एक्टिव केस, प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से एक्टिव केसों की संख्या, सात में दिन में केसों के डबल होने के आंकड़े, केस फैटेलिटी रेट, टेस्टिंग अनुपात (प्रति लाख आबादी पर कितने टेस्ट हुए) और सैंपलों का पॉजिटिव पाए जाने का रेट शामिल है। जिन जिलों में एक्टिव केस 200 से ज्यादा हैं। एक्टिव केस प्रति लाख 15 से अधिक हैं। कोरोना केस का डबलिंग रेट 14 दिन से कम है। केस फैटेलिटी रेट छह प्रतिशत से अधिक है। टेस्टिंग अनुपात प्रति लाख जनसंख्या 65 से कम है और सैंपल पॉजिटिविटी रेट छह प्रतिशत से अधिक है। ऐसे जिलों को रेड जोन में रखा जाएगा। ग्रीन जोन में शामिल होने के लिए जरूरी है कि पिछले 21 दिनों में उस जनपद में कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया हो। डबलिंग रेट 28 दिन से ज्यादा हो। केस फैटेलिटी रेट एक फीसदी से कम हो। टेस्टिंग रेट प्रति लाख आबादी 200 से ज्यादा हो और सैंपल पॉजिटिविटी रेट दो प्रतिशत से कम होना चाहिए। नए मानकों के आधार पर मुरादाबाद को रेड जोन से बाहर कर दिया गया है। शासन ने कहा है कि जो जिले रेड जोन या ग्रीन जोन में नहीं हैं वह स्वत: ऑरेंज जोन में कहलाएंगे।