रातों-रात छोड़ दिया था घर
महानगर में विस्थापितों की तरह रहने वाले कश्मीरी पंडित रजनीश कौल के मुताबिक ये फैसला सरकारों ने बहुत देर में लिया। आज जब भाजपा ने इस बड़े फैसले को लिया है तो उसका स्वागत करना चाहिए। सरकार को अब वहां विशवास का माहौल पैदा करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में उन्हें रातों-रात घर छोड़ना पड़ा था। बहुत मुश्किलें शुरू में झेलनी पड़ीं थीं। मूल रूप से श्रीनगर निवासी रजनीश कौल अब मुरादाबाद में परिवार समेत रहते हैं और यहीं व्यापार करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत समय से हम लोग ये मांग कर रहे थे। मोदी सरकार के इस निर्णय से देश में चला आ रहा एक बहुत बड़ा संकट भी दूर हो गया।
बड़ी संख्या में हुए थे विस्थापित
यहां बता दें कि महानगर में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित विस्थापित होकर आये थे और अब यहीं के होकर रह गए। ज्यादातर ने अब अपना व्यापार मकान यहीं बना लिया है। लेकिन अब इस फैसले के बाद उनके मन में अपने वतन वापसी की उम्मीद जगी है।