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नगर आयुक्त की छुट्टी पर पास करवा लिए टेंडर दरअसल मुरादाबाद नगर निगम के मेयर और नगर आयुक्त में मतभेद बढ़ते चले जा रहे है। दोनों में टकराव की वजह निरस्त टेंडरों की बहाली है। नगर आयुक्त ने छुट्टी पर जाने से पहले 33 कामो के टेंडरों को निरस्त कर दोबारा करने के निर्देश दिए थे। नगर आयुक्त के छुट्टी पर जाने के बाद कार्यवाहक नगर आयुक्त एस पी श्रीवास्तव द्वारा विकास के नाम पर निरस्त टेंडरों को बहाल कर दिया। ये 33 टेंडर कुल 8 करोड़ रुपए के थे। बताया जा रहा है कि मेयर विनोद अग्रवाल द्वारा कार्यवाहक नगर आयुक्त से ये सारे टेंडर बहाल करवाये गए थे। जिस कारण मेयर और नगर आयुक्त में विवाद बढ़ गया है। 1 मई को छुट्टी से वापस आने के बाद जब नगर आयुक्त को पता चला कि टेंडर बहाल कर दिए गए है तो उन्होंने इस पर जांच कराने की बात कही।
नगर आयुक्त ने छुट्टी के पीछे स्वास्थ्य कारण बताये। जबकि मेयर इसके पीछे अपने अधिकार और महानगर का विकास को प्राथमिकता बता रहे हैं। मेयर के मुताबिक शहर में छह महीने से विकास काम रुके पड़े हैं। जिससे जनता में उनकी व् पार्टी की छवि खराब हो रही है। उन्होंने जो भी काम किया अपने अधिकारों के दायरे में किया।
बड़ी खबर-कैराना उपचुनाव: भाजपा ने इस प्रत्याशी को दिया टिकट! कैराना उपचुनाव को लेकर कांग्रेस का बड़ा प्लान, सपा और भाजपा में मची हलचल जनता को उठानी पड़ रहीं हैं परेशानियां मेयर और आयुक्त में अदावत का ही परिणाम रहा कि आज होने वाली नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक निरस्त कर दी गयी। दोनों के बीच खुद कमिश्नर और डीएम ने भी वार्ता कराई। लेकिन दोनों अपनी अपनी बातों पर डटे रहे। जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।