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मुरादाबाद

Chaitra Navratri 2021: कोरोना और महंंगाई की मार से पीतलनगरी का मूर्ति कारोबार हुआ ठप

दुनियाभर में पीतलनगरी के नाम से विख्यात मुरादाबाद आने से कतरा रहे बाहरी व्यापारी, Chaitra Navratri 2021 में कोरोना वायरस और महंगाई के चलते ठप हुआ मूर्तियों का कारोबार

मुरादाबादApr 14, 2021 / 02:10 pm

lokesh verma

brass city

brass city huge loss due to Corona in Navratri

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुरादाबाद. कोरोना वायरस (Coronavirus) की रफ्तार बढ़ने के चलते जहां मुरादाबाद समेत कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं, अब लॉकडाउन लगने की आशंका भी बनी हुई है। इतना ही नहीं नवरात्रि के पर्व पर भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है। नवरात्रि पर जहां मंदिरों में श्रद्धालुओं के जाने की संख्या सीमित कर दी गई है, वहीं नवरात्रि पर तेजी पकड़ने वाला मुरादाबाद का पीतल कारोबार इस बार ठप हो गया है। इसके साथ कच्चे माल की महंगाई ने भी व्यापारियों की कमर तोड़कर रख दी है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस बार कोरोना और अचानक पीतल के भाव में आई 150 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी के चलते मुरादाबाद में देशभर से आने वाले कारोबारियों ने भी मुंह मोड़ लिया है।
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मुरादाबाद के स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि हर बार नवरात्रि पर यहां का पीतल कारोबार खूब चमकता था, जिसके चलते वह मूर्तियों के ऑर्डर की पूरी सप्लाई भी नहीं कर पाते थे। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के बीच लगाए गए नाइट कर्फ्यू के कारण देश-विदेश के कारोबारी मुरादाबाद आने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार ऑर्डर भी न के बराबर ही मिले हैं। इस कारण यहां के व्यापारियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
देवी-देवताओं की मूर्तियों का हब

ज्ञात हो कि दुनियाभर में मुरादाबाद पीतलनगरी के नाम से विख्यात है। पीतलनगरी में बनने वाली मूर्तियों को बड़ी मात्रा में देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है। एक तरह से कह सकते हैं कि दुनियाभर में पीतल निर्मित देवी-देवताओं की मूर्तियों की बिक्री का मुरादाबाद सबसे बड़ा हब है। स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि उन्हें दिवाली और नवरात्रि से काफी पहले ही देश-विदेश से बड़े ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते हैं, जिसके बाद यहां से भारत समेत विदेशों में देवी-देवताओं की मूर्तियां सप्लाई की जाती हैं। वह कहते हैं कि चैत्र और शारदीय नवरात्र में यहां का बाजार हमेशा गुलजार नजर आता है। यहां बनने वाली नौ देवियों की मूर्तियों की खासी डिमांड रहती है।
नहीं आए बाहरी व्यापारी

स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि इस बार मूर्तियों की बिक्री में बड़ी गिरावट है। उन्होंने बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी है, जिसके कारण यहां नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है और दूसरी वजह पीतल के भाव में 150 रुपए प्रति किलो की वृद्धि होना है। उन्होंने बताया कि कोरोना केस लगातार बढ़ने की वजह से बाहरी व्यापारी यहां आने से कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल यहां स्थानीय ग्राहक ही बाजार में नजर आ रहे हैं, जो नवरात्रि पर देवी की छोटी-छोटी मूर्तियों की डिमांड कर रहे हैं। इस तरह उनका यह सीजन भी चौपट हो गया है।

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