यह भी पढ़ें-
Chaitra Navratri 2021: राजधानी का वह मंदिर जहां हर मन्नत के पूरी होने की है मान्यता, इस जल के इस्तेमाल से कई रोगों से मिलती है मुक्ति मुरादाबाद के स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि हर बार
नवरात्रि पर यहां का पीतल कारोबार खूब चमकता था, जिसके चलते वह मूर्तियों के ऑर्डर की पूरी सप्लाई भी नहीं कर पाते थे। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के बीच लगाए गए नाइट कर्फ्यू के कारण देश-विदेश के कारोबारी मुरादाबाद आने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार ऑर्डर भी न के बराबर ही मिले हैं। इस कारण यहां के व्यापारियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
देवी-देवताओं की मूर्तियों का हब ज्ञात हो कि दुनियाभर में मुरादाबाद
पीतलनगरी के नाम से विख्यात है। पीतलनगरी में बनने वाली मूर्तियों को बड़ी मात्रा में देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है। एक तरह से कह सकते हैं कि दुनियाभर में पीतल निर्मित देवी-देवताओं की मूर्तियों की बिक्री का मुरादाबाद सबसे बड़ा हब है। स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि उन्हें दिवाली और नवरात्रि से काफी पहले ही देश-विदेश से बड़े ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते हैं, जिसके बाद यहां से भारत समेत विदेशों में देवी-देवताओं की मूर्तियां सप्लाई की जाती हैं। वह कहते हैं कि चैत्र और शारदीय नवरात्र में यहां का बाजार हमेशा गुलजार नजर आता है। यहां बनने वाली नौ देवियों की मूर्तियों की खासी डिमांड रहती है।
नहीं आए बाहरी व्यापारी स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि इस बार मूर्तियों की बिक्री में बड़ी गिरावट है। उन्होंने बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी है, जिसके कारण यहां नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है और दूसरी वजह पीतल के भाव में 150 रुपए प्रति किलो की वृद्धि होना है। उन्होंने बताया कि कोरोना केस लगातार बढ़ने की वजह से बाहरी व्यापारी यहां आने से कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल यहां स्थानीय ग्राहक ही बाजार में नजर आ रहे हैं, जो
नवरात्रि पर देवी की छोटी-छोटी मूर्तियों की डिमांड कर रहे हैं। इस तरह उनका यह सीजन भी चौपट हो गया है।