यह हैं पूरा मामला- दरअसल बीते 9 जुलाई की भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष की अगुवाई में सैकड़ों किसान गन्ने के भुकतान सहित आठ सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में बैलगाड़ी प्रदर्शन करने पहुंचे। सरकार को उनका वादा याद दिलाने के लिए किसान दिल्ली लखनऊ 24 हाइवे से होते हुए कलेक्ट्रेट आफिस पहुंचने ही वाले थे कि अचानक जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और विरोध कर रहे रहे किसान नेता को समझाया और प्रदर्शन करने से मना किया। लेकिन किसानों ने उनकी बात को नज़र अंदाज़ करते हुए दर्जनों बैलगाड़ी और ट्रैक्टर के साथ किसान सरकार विरोधी नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस बीच किसान नेता और डीएम के बीच तीखी बहस और तकरार हुई। जिसके बाद डीएम ने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए।
भाकियू ने डीएम के खिलाफ खोला मोर्चा- किसनों को जब पता चला की बीती रात 150 किसानों के साथ एफआईआर दर्ज हुई है तब किसानों ने डीएम के खिकाफ मोर्चा खोल दिया। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में लोकसभा सांसद डा. नैपाल सिंह, एमएलसी डा. जयपाल सिंह व्यस्त और डीएम महेंद्र बहादुर सिंह जिला निगरानी समिति की बैठक कर रहे थे। इसी दौरान गुस्साए किसान बीच बैठक में घुस गए और सांसद से डीएम की शिकायत करने लगे। मामला गर्माने पर एमएलसी जयपाल सिंह ने किसानों को समझा बुझा कर वापस भेजा। किसानों का कहना था कि प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुआ था लेकिन, कहीं मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। किसान हैं तो बैलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्राली से ही पहुंचेंगे। गुस्साए किसानों को एमएलसी व सांसद ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। किसानों ने मुकदमा निरस्त करने की मांग की।