लगातार उतार चढ़ाव
यहां बता दें कि दिवाली के बाद से और पूरे अभी तक नवंबर माह में वायु प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है। रविवार और सोमवार को शहर के प्रदूषण में कमी दर्ज की गई थी, लेकिन मंगलवार से फिर बढ़ोतरी होने लगी। बुधवार को सुबह से ही आसमान में धुंध छाई हुई थी। दिन में भी मौसम ज्यादा साफ नहीं हुआ। नेशनल एयर मानीटरिंग इंडेक्स के अनुसार शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 था, जिसमें पीएम 2.5 की स्थिति ज्यादा खराब रही। टाइम लाइन पर ज्यादातर समय लाल रंग ही दिखाई दे रहा था। कुछ देर के लिए हालात मैरून रंग के हो गए। औसत उपलब्धता 323, न्यूनतम सौ और अधिकतम 462 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। पीएम 10 की उपलब्धता वातावरण में औसत 236, न्यूनतम 101 और अधिकतम 425 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर रही। नाइट्रोजन ऑक्साइड का भी अधिकतम स्तर 191 पहुंच गया।
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ये करना होगा
शहर में हिन्दू कॉलेज में वनस्पति विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर एयर निगरानी की प्रोजेक्ट हेड डॉ अनामिका त्रिपाठी के मुताबिक शहर में बड़े पैमाने पर ई कचरा जलने और लगातार निर्माण कार्यों से उठने वाले धूल के कण हवा में मिलकर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। इसके लिए न सिर्फ पीतल की अवैध भट्टियों को तत्काल बंद कराना पड़ेगा, साथ ही एक स्थाई कार्यक्रम भी बनाना पड़ेगा।
लगाया गया जुर्माना
जबकि जिलाधिकारी राकेश कुमार की निगरानी में प्रदूषण विभाग और नगर निगम अवैध भट्टियों को बंद कराने के साथ प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर ताले के साथ जुर्माना भी लगा रही है। उसके बावजूद AQI सुधरने का नाम नहीं ले रहा। जिस दिन हवा मंद पड़ती है AQI एकाएक ऊपर पहुंच जाता है। खासकर रामगंगा से सटे इलाकों में। यहां बड़े पैमाने पर दिन ढलते ही ई कचरा जलाया जाता है। जिससे खासकर रात को AQI ज्यादा हो जाता है।