रिपोर्ट के अनुसार, नए नियम के तहत यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स को 31 मई से पहले अपनी कमाई का खुलासा करना होगा। अगर कंटेंट किएटर्स 31 मई तक ऐसा कर देते हैं तो Google उनसे 15 फीसदी के हिसाब से उस कमाई में से टैक्स लेगा। अगर कंटेंट क्रिएटर्स 31 मई तक यूट्यूब के जरिए हो रही कमाई का खुलासा नहीं करते हैं तो उनसे कंपनी 24 फीसद टैक्स वसूलेगी। इस बारे में Google की तरफ कंटेंट क्रिएटर्स को मेल भेजा जा रहा है। साथ ही बताया जा रहा है कि Google जल्द ही कंटेंट क्रिएटर्स से टैक्स की डिटेल भी मांग सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार गूगल के नए नियम के हिसाब से Youtube कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई में उन पैसों को भी शामिल किया जाएगा, जो विज्ञापन और अमरीकी यूजर्स से कमाएं हैं। इसके साथ ही यूट्यूब प्रीमियम, सुपर चैट, सुपर स्टीकर्स और चैनल मेंबरशिप्स भी इस लिस्ट में शामिल होंगे।
गूगल का का यह नया नियम अमरीका में मौजूद क्रिएटर्स के लिए लागू नहीं होगा। यूट्यूब के सपोर्ट पेज में कहा गया है कि यूएस इंटरनल रेवेन्यू कोड के चैप्टर तीन के मुताबिक पैरेंट कंपनी गूगल टैक्स संबंधी जानकारी हासिल कर सकती है। अब अगर कोई भी यूट्यूबर अमरीका के व्यूअर्स से कमाई करता है तो उसे टैक्स देना होगा और इससे जुड़ी जानकारी कंपनी यूएस इंटरनल रेवेन्यू को देगी। इसी वजह से नए टैक्स सिस्टम को लागू किया जा रहा है।
इसके साथ नए नियम के हिसाब से क्रिएटर्स की ओर से टैक्स की जानकारी देने के बाद कंपनी उसके यूएस व्यूअर्स की कमाई का 0-30 फीसदी हिस्सा विथहोल्ड कर के रखेगी। विथहोल्ड दर इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिएटर के देश का टैक्स ट्रीटी अमरीका के साथ कैसा है यानी की प्रत्येक देश के हिसाब से अलग-अलग टैक्स काटा जाएगा। क्रिएटर्स यूट्यूब की इस नई पॉलिसी का सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं।