टेक सिक्यॉरिटी फर्म ESET के सिक्युरिटी रिसर्चर Lukas Stefanko ने इस मेलवेयर के बारे में खुलासा करते हुए ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। यह मेलवेयर खासतौर पर एंड्रॉयड यूजर्स को अपना शिकार बना रहा है। सिक्योरिटी रिसर्चर का दावा है कि इस खतरनाक वायरस की वजह से व्हाट्सएप पर आने वाले मैसेज में ऑटोमैटिकली रिप्लाई चला जाता है।
सिक्योरिटी रिसर्चर ने जो वीडियो पोस्ट किया है, उसमें बताया है कि फोन में इस वायरस के आने के बाद आपके व्हाट्सएप पर अगर कोई मैसेज करता है कि यह वायरस उसे ऑटोमैटिकली रिप्लाई कर देता है। रिप्लाई में यह एक लिंक भेजता है। यह लिंक हुवई मोबाइल ऐप का होता है। बताया जा रहा है कि यह वायरस यूजर्स के एक कॉन्टैक्ट को एक घंटे में एक बार लिंक भेजता है। रिसर्चर का कहना है कि यह एक तरह का एडवेयर या सब्सक्रिप्शन स्कैम हो सकता है।
रिसर्चर का कहना है कि यह मेलवेयर एक तरह का एंड्रॉयड वॉर्म है। यह ऑटोमैटिकली व्हाट्सएप मैसेज के जरिए फैलता है। इस मेलवेयर लिंक पर क्लिक करते ही पहले यह यूजर्स के स्मार्टफोन में डाउनलोड होता है। इसके बाद जो भी आपको व्हाट्सएप मैसेज करेगा, उसके पास यह ऑटोमैटिकली लिंक चला जाता है। इस तरह से यह खतरनाक वायरस व्हाट्सएप मैसेज के जरिए फैल रहा है।
देता है लुभावने ऑफर
इस खतरनाक वायरस के लिंक के साथ हैकर्स यूजर्स को कुछ लुभावनेे ऑफर भी देता है। इससे यूजर्स लालच में आकर इस लिंक पर क्लिक कर देते हैं। मैसेज में फोन जीतने की बात भी कही जा रही है। इस तरह से यूजर फोन के लालच में आकर इस लिंक को क्लिक कर देते हैं और हैकर्स के बिछाए जाल में फंस जाते हैं। इस लिंक पर क्लिक करते ही यह मेलवेयर या वायरस फैलता चला जाता है।