डिजिटल सर्विसेज में, जब आप कोई डिवाइस खरीदते हैं, तो इसमें ऑनलाइन सर्च से संबंधित एक होम स्क्रीन आई लेवल शेल्फ होता है, यानि कि स्क्रीन पर आंखों के बिल्कुल बराबर सामने आने वाला एक काउंटर। गूगल में मुख्य कानूनी अधिकारी के रूप में कार्यरत केंट वॉकर ने कहा कि मोबाइल में एप्पल सहित एटीएंडटी, वेरिजॉन, सैमसंग और एलजी जैसी कंपनियां इस शेल्फ को नियंत्रित करती हैं। वहीं डेस्कटॉप में यही काम माइक्रोसॉफ्ट करता है।
अब गूगल इसी आई लेवल शेल्फ के लिए इन्हीं में से कई कंपनियों के साथ मोलभाव करता है। वॉकर आगे कहते हैं, एप्पल और अन्य डिवाइस निर्माताओं व कैरियर्स सहित हमारा यह कॉन्ट्रैक्ट किसी भी उस अनुबंध या करार से भिन्न नहीं है, जो परंपरागत ढंग से अन्य कई कंपनियों द्वारा सॉफ्टवेयर वितरण के लिए किया जाता रहा है। वॉकर ने आगे कहा कि इन्हीं अनुबंधों के लिए माइक्रोसॉफ्ट की कंपनी बिंग सहित कई अलग-अलग सर्च इंजन हमारे प्रतिस्पर्धी हैं और हमारे अनुबंध इन्हीं प्रतिपक्षी समीक्षाओं में बार-बार खरी उतरी है।
वॉकर ने बताया कि आईओएस और सीरी के लिए डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने के चलते एप्पल की गूगल से सालाना 700 करोड़ डॉलर की आमदनी होती है। जबकि आईओएस और सीरी में डिफॉल्ट सर्च इंजन की भूमिका निभाने के लिए गूगल सालाना 700 करोड़ डॉलर की राशि कंपनी को चुकाती है। एप्पल के डिवाइसों से विज्ञापनों के चलते हो रही आय का सालाना 2500 करोड़ डॉलर गूगल को मिलता है, जो कि कुल आय का लगभग 30 प्रतिशत है। वॉकर के कहने का आशय यहां यह है कि कुल मिलाकर यह व्यवसाय का एक मिलाजुला रूप है, यहां कोई किसी पर हावी नहीं है।