पेरिस्कोप की टीम ने एक बयान में कहा कि सच्चाई यह है कि पेरिस्कोप एप्लिकेशन एक अनसस्टैनबल मेंटेनेस-मोड स्टेट में है और कुछ समय से इसी मोड में रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने इसके इस्तेमाल में गिरावट देखी है और जानते हैं कि एप को सपोर्ट करने की लागत गुजरते वक्त के साथ बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा और पूर्व पेरिस्कोप कम्युनिटी या ट्विटर द्वारा इसे इसकी वर्तमान स्थिति में छोड़ना सही नहीं है।
बता दें कि प्रोडक्ट के सार्वजनिक रूप से लॉन्च होने से पहले मार्च 2015 में ट्विटर ने पेरिस्कोप को खरीदा था। एंड्रॉयड और आईओएस के लिए पेरिस्कोप एप केवन बेकपोर और जो बर्नस्टीन द्वारा विकसित किया गया था। हालांकि Periscope को एप के तौर पर कंपनी भले ही शटडाउन कर रही है, लेकिन कंपनी ने ये भी कहा है कि इस ऐप के कोर फीचर्स को ट्विटर में दे दिया गया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि 2020 की वजह से कुछ प्रोजेक्ट्स की प्रायोरिटी बदली गई, वरना इसे और पहले ही खत्म किया जा सकता था। Periscope यूजर्स अपने लाइव वीडियोज को डाउनलोड कर पाएंगे। हालांकि Periscope पर नए अकाउंट नहीं बनाए जा सकेंगे। वहीं एप को मार्च 2021 से एप स्टोर से हटाया जाएगा।
बता दें कि हाल ही ट्विटर ने वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा यूज हुए हैशटैग की लिस्ट जारी की। ट्विटर की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कोरोना महामारी के दौर में #covid19 साल 2020 का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला हैशटैग बना है। दूसरे नंबर पर बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की सुसाइड के बाद उनके नाम का हैशटैग सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ है।