हक्कानी ने पोस्ट किया, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की तुलना में ट्विटर के दो महत्वपूर्ण फायदे हैं। पहला ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ और दूसरा ट्विटर का पब्लिक नेचर और विश्वसनीयता। उन्होंने कहा कि ट्विटर के पास मेटा जैसी इनटोलरेंस पॉलिसी नहीं है। तालिबान के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, अन्य प्लेटफॉर्म इसकी जगह नहीं ले सकते।
एक ट्विटर यूजर ने पोस्ट किया, यह क्या हो गया है, यहां तक कि तालिबान भी ट्विटर का समर्थन कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में मस्क के सत्ता संभालने और इसमें भारी बदलाव करने के बाद से ट्विटर को कई प्रमुख लोग, मशहूर हस्तियां और विज्ञापन ब्रांड नापसंद करने लगे है, लेकिन तालिबान इसे पसंद कर रहा है।
वाइस की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में मस्क द्वारा 8 डॉलर प्रति माह पर तालिबान के दो अधिकारियों ने ब्लू वेरिफिकेशन चेक मार्क भी खरीदे। तालिबान अपने मैसेज को अपने दर्शकों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने में आगे रहा है। रिपोर्ट में कहा, फेसबुक और टिकटॉक दोनों तालिबान को एक आतंकवादी संगठन के रूप में देखते हैं और उन्हें पोस्ट करने से रोकते हैं। यह एक प्रतिबंध है जो आज भी जारी है।
-आईएएनएस