इस तरह काम करता है यह ऐप यह ऐप अमेज़न वेब की तरह ही फेस रिक्गनाइजेशन टेक्नोलॉजी पर काम करता है। इसकी मदद से डाटाबेस के जरिए गुमशुदा बच्चों की तस्वीरें मैच कराई जाएंगी। वहीं, इस ऐप को दिल्ली पुलिस के गुमशुदा बच्चों के डाटाबेस से जोड़ा गया है। इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स इसके डाटाबेेस में गुमशुदा बच्चों की डिटेल और फोटो को अपलोड कर सकेंगे।
कैलाश सत्यार्थी का कहना है कि गुमशुदा बच्चों को सिर्फ आंकड़े नहीं मानना चाहिए। बच्चों का खोना अभिभावकों के लिए ट्रेजडी है। उन्हेंने आगे कहा ‘हर गुमशुदा बच्चा खोने वाले परिवार की आशा और सपनों को दर्शाता है’।
प्रभु ने बचपन बचाओ आंदोलन और सत्यार्थी की बच्चों के लिये काम करने के लिये तारीफ की और इस ऐप को लेकर उम्मीद जताई की यह गुमसुदा बच्चों को खोजने में मददगार साबित होगा।