होम आइसोलेशन में रहने वाले COVID-19 मरीजों के लिए जल्द ठीक होने का रामबाण नुस्खा अस्पतालों में मौजूद क्रिटिकल केयर यूनिट पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक स्कॉटलैंड में धनी जिलों की तुलना में सबसे गरीब क्षेत्रों के लोगों में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित होने और इससे मरने की अधिक संभावना होती है। यह अध्ययन जर्नल द लैंसेट रीजनल हेल्थ- यूरोप में प्रकाशित हुआ है और इसे स्कॉटिश इंटेंसिव केयर सोसाइटी ऑडिट ग्रुप के सहयोग से किया गया।
अपनी तरह के पहले इस राष्ट्रव्यापी अध्ययन में पता चला कि आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों के लोगों को क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती किए जाने की सबसे अधिक जरूरत थी और इन इलाकों की इंटेशिव केयर यूनिट्स संभवता क्षमता से ज्यादा भरी हुईं थीं।
नए शोध में कोरोना वायरस के नए लक्षण का हुआ खुलासा, सामने आई वो परेशानी जिससे थे सब अंजान शोधकर्ताओं का कहना है कि शोध गरीब क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर यूनिट को अतिरिक्त समर्थन दिए जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है और यह बात सामने लाता है कि स्वास्थ्य असमानताओं से निपटने के लिए और अधिक किया जाना बाकी है।
गुमनाम स्वास्थ्य रिकॉर्ड का इस्तेमाल करते हुए एडिनबर्ग और ग्लासगो विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया कि कैसे सामाजिक आर्थिक रूप से गरीब इलाकों में रहने वाले (स्कॉटिश इंडेक्स ऑफ मल्टीपल डिप्रेशन द्वारा मापे गए) कोरोना वायरस से गंभीर रूप से पीड़ित होने से जुड़े थे।
Corona Vaccine लगवाने के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन कराना है जरूरी, इनमें से कोई डॉक्यूमेंट जरूर होना चाहिए स्कॉटलैंड के सभी अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट पर महामारी के प्रभाव का आकलन करने के लिए शोधकर्ताओं ने अस्पताल के डेटा का भी इस्तेमाल किया।
उन्होंने पाया कि मार्च से जून 2020 के बीच स्कॉटलैंड में कोविड-19 के 735 रोगियों को क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था। इनमें से सबसे कम वंचित (समृद्ध) 13 प्रतिशत मरीजों की तुलना में लगभग एक चौथाई दाखिले उनके हुए जो सबसे ज्यादा वंचित तबके (गरीब) से थे।
एक्सपर्ट्स की चेतावनीः कोरोना वैक्सीन के दो माह बाद तक ना लगाएं शराब को हाथ उम्र और जेंडर जैसे अन्य कारकों को देखने के बाद 30 दिनों के बाद इन मरीजों में सबसे ज्यादा मौत की दर सबसे ज्यादा वंचित तबके (गरीब) से जुड़े लोगों की थी, जबकि सबसे कम मृत्यु दर कम वंचित तबके से जुड़े मरीजों की।
सबसे वंचित स्वास्थ्य बोर्ड क्षेत्रों के अस्पतालों में भी इंटेशिव केयर बेड की मांग के भी उच्च शिखर में होने की संभावना थी और ये लंबे समय तक उनकी सामान्य क्षमता से अधिक पर काम कर रहे थे। डॉक्टरों का कहना है कि शोध के निष्कर्ष कोरोना वायरस से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में अधिक संसाधनों की आवश्यकता को उजागर करते हैं।
कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा यह खतरनाक वायरस, डॉक्टर्स हुए हैरान ग्लासगो विश्वविद्यालय के अध्ययन के सह-लेखक डॉ. जोएन मैकपीके ने कहा, “जब हम इस महामारी से गुजर रहे हैं, तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह वायरस विभिन्न समूहों को कैसे प्रभावित करता है ताकि जोखिम को कम करने के लिए समझदारी भरा निर्णय लिया जा सके। यह डेटा यह सूचित करने में मदद करेगा कि हम लघु और दीर्घकालिक दोनों में अलग-अलग समुदायों का समर्थन कैसे करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सामाजिक आर्थिक असमानताओं को और अधिक नहीं बढ़ाया जा सके।”